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Pune City News: मनपा चुनाव में 50 फीसदी पूर्व नगरसेवकों के टिकट कटेंगे

- भाजपा में युवा चेहरों को मौका देने पर गंभीरता से हो रहा विचार
- कल ड्रॉ से तय होगा पार्टी बदलें या नहीं
- पसोपेश में फंसे संभावित उम्मीदवार वार्ड आरक्षण के बाद तय करेंगे रणनीति
भास्कर न्यूज, पुणे। केंद्र और राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा से आगामी मनपा चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों में होड़ लगी है। हर वार्ड में पांच से 10 लोग भाजपा से नगरसेवक पद के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। बताया जा रहा है कि वर्तमान में शहर के 41 वार्डों के 165 सीटों के लिए भाजपा में 500 से ज्यादा उम्मीदवार चुनाव लड़ना चाहते हैं। वहीं, भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ने का सपना देखने वालों की संख्या भी बहुत है। इसमें से कई लोग वरिष्ठ नेताओं से पैरवी कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि इस साल चुनाव लड़ने के इच्छुक भाजपा के 100 से ज्यादा पूर्व नगरसेवकों में से 50 प्रतिशत पूर्व नगरसेवकों के टिकट कटेंगे।
भविष्य को देखते हुए भावी नेतृत्व तैयार करने के लिए युवा नेतृत्व को अधिक अवसर देने पर विचार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस कारण पिछले कार्यकाल में काम नहीं करने वाले पूर्व नगरसेवकों के टिकट कटेंगे और वे नगरसेवक भी निशाने पर हैं, जिनके खिलाफ नागरिकों में नाराजगी है। इसी कड़ी में पार्टी ने उम्मीदवार चयन के मानदंड तय करना शुरू कर दिए हैं। वार्डवार अगली पार्टी से संभावित उम्मीदवार कौन होगा, इस पर विचार कर मैन टू मैन मार्किंग के आधार पर उम्मीदवारी तय की जाएगी।
सीएम भी कर गए थे इशारा
चुनाव आयोग ने नगर परिषद और नगर पंचायतों के चुनावों का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। पिछले चार साल से अटके स्थानीय स्वशासन निकाय चुनाव शुरू हो गए हैं। इस कारण मनपा चुनाव लड़ने के इच्छुक कार्यकर्ताओं में उत्साह है। हालांकि, उन्हें यह डर भी सता रहा है कि ऐसा न हो कि उन्हें पार्टी की उम्मीदवारी नहीं मिले। पुणे मनपा की बात करें तो महाविकास आघाड़ी या महायुति गठबंधन को लेकर अभी तक फैसला नहीं हुआ है। इस बीच भाजपा ने पुणे मनपा में अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे में पदाधिकारियों की बैठक में इसके स्पष्ट संकेत दिए हैं।
नए लोग जोड़ने की कवायद
भाजपा ने शहर में चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। जिन वार्डों में भाजपा की ताकत कम है, वहां दूसरे दलों से कई लोगों को शामिल किया जा रहा है। कुछ दिन पहले शिवसेना ठाकरे गुट के पांच पूर्व नगरसेवक भाजपा में शामिल हुए। उसके बाद भी शहर के कई दिग्गज नेता भाजपा में शामिल होने के इच्छुक हैं। भाजपा ने पुणे मनपा चुनाव की जिम्मेदारी पूर्व सदन नेता गणेश बिड़कर को सौंपी है। उन्हें चुनाव प्रमुख नियुक्त किया गया है। चुनाव प्रमुख और अन्य वरिष्ठ नेताओं पर पुणे से उम्मीदवार चयन की जटिल प्रक्रिया पूरी करने की जिम्मेदारी होगी।
कल ड्रॉ से तय होगा पार्टी बदलें या नहीं
पसोपेश में फंसे संभावित उम्मीदवार वार्ड आरक्षण के बाद तय करेंगे रणनीति
महापालिका चुनाव के लिए मंगलवार को वार्डों का आरक्षण ड्रॉ निकाला जाएगा। ड्रॉ में महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षित वार्डों का निर्धारण किया जाएगा। इस कारण ड्रॉ के बाद वार्डों की तस्वीर साफ हो जाएगी। इससे उन संभावित उम्मीदवारों का रास्ता साफ हो जाएगा, जो बड़ी संख्या में सत्ताधारी भाजपा और महायुति के घटक दलों मे शामिल होने की तैयारी में हैं। फिलहाल सभी इच्छुक उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओँ की नजरें ड्रॉ पर टिकी हैं।
राज्य चुनाव आयोग ने नगर पालिका और नगर पंचायत चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के स्थानीय निकाय चुनावों संबंधी आदेश के बाद से ही राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इच्छुक उम्मीदवारों ने जोर-शोर से प्रचार शुरू कर दिया है। यह चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ा जाएगा या गठबंधन में इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। कांग्रेस पार्टी के जिलास्तरीय नेताओं ने घोषणा की है कि यह चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ा जाएगा। हालांकि, महाविकास आघाड़ी के अन्य घटक दलों ने अभी तक भूमिका स्पष्ट नहीं की है। दूसरी तरफ, भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना का गठबंधन को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
गठबंधन या अकेले लड़ने को लेकर असमंजस
वर्तमान राजनीतिक स्थिति से कई इच्छुक उम्मीदवार भाजपा से चुनाव टिकट चाहते हैं। कई लोगों को अलग-अलग चुनाव लड़ने पर ही चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है। पार्टी नेताओं द्वारा पदाधिकारियों की बैठक में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी रखने को कहा जा रहा है। वहीं, सार्वजनिक रूप से बात करते समय गठबंधन की बात कही जा रही है। ऐसा कहकर बात को टाला जा रहा है कि इस संबंध में स्थानीय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। इससे इच्छुक उम्मीदवार असमंजस में हैं।
महायुति नेताओं पर लग रहे आरोप होंगे चुनाव का मुद्दा
मनपा चुनाव के पहले एकतरफ महाविकास आघाड़ी में सब कुछ ठीक नहीं है। दूसरी तरफ, सत्ता में मौजूद तीनों प्रमुख दलों के नेताओं पर भी लगातार आरोप लग रहे हैं। हाल ही में गैंगस्टर निलेश घायवल मामले में मंत्री चंद्रकांत पाटिल और जैन बोर्डिंग मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल पर आरोप लगे। वहीं, अब उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार के जमीन घोटाले को लेकर आरोप लग रहे हैं। कुल मिलाकर पिछले कुछ दिनों में महायुति के नेताओं पर लग रहे आरोपों चर्चा में हैं। ये मुद्दे आने वाले चुनाव में सुर्खियों में रहेंगे। इस बात का ध्यान रखते हुए भी इच्छुक उम्मीदवार पार्टियों को चुनने की कोशिश कर रहे हैं।
Created On :   10 Nov 2025 4:14 PM IST












