Pune City news: ठोस कचरा प्रबंधन विभाग में बड़ा परिवहन घोटाला

ठोस कचरा प्रबंधन विभाग में बड़ा परिवहन घोटाला
  • ठेकेदारों के ज्यादातर वाहनों में जीपीएस नहीं
  • रिकॉर्ड में भारी गड़बड़ी की आशंका
  • समझौते में है जीपीएस का बिंदु

भास्कर न्यूज, पुणे। महापालिका आयुक्त नवल किशोर राम और नवनियुक्त अतिरिक्त आयुक्त पवनीत कौर के शहर की सफाई पर ध्यान देते ही कई चौंकाने वाली बातें सामने आने लगी हैं। तीन दिन पहले ही कचरा परिवहन ट्रैकिंग के लिए नए अधिकारियों की नियुक्ति के बाद यह अहम खुलासा हुआ है कि ठेकेदारों के कई वाहनों में जीपीएस ही नहीं है। दोनों अफसरों ने स्वीकार किया है कि इस वजह से इकट्ठा किए गए कचरे को रैंप तक और वहां से प्रोसेसिंग प्लांट तक ले जाने के रिकॉर्ड में गड़बड़ी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

आयुक्त ने यह भी बताया कि इतना ही नहीं, वास्तव में प्लांट क्षमता से ज्यादा टन कचरे के प्रक्रिया के लिए बिल निकाले जा रहे थे। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि ठोस कचरा प्रबंधन में वर्षों से चला आ रहा घोटाला जल्द सामने आएगा। हाल ही में शहर में इकट्‌ठा होने वाले कचरे का परिवहन, कर्मचारियों की उपस्थिति और कचरा प्रबंधन के लिए स्थापित इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम में अधिकारियों की नई टीम नियुक्त की। टीम नियुक्त करते समय अतिरिक्त अधिकारी वर्ग भी उपलब्ध कराया गया है। उन्हें शहर में सुबह से इकट्ठा होने वाले कचरे, उसका रैंप तक परिवहन और वहां से प्रोसेसिंग प्लांट तक का परिवहन और प्रोसेसिंग प्लांट से अंतिम निपटान तक का टाइम-टू-टाइम मैनेजमेंट करने पर जोर देने के लिए कहा गया है। इसमें शहर में अपेक्षा से कम कचरा परिवहन वाहन होने की बात सामने आई।

समझौते में है जीपीएस का बिंदु

मनपा की अतिरिक्त आयुक्त कौर ने बताया कि कचरा परिवहन करने वाले ठेकेदारों के पास मौजूद अधिकांश वाहनों में जीपीएस कार्यरत नहीं है। ठेकेदारों के साथ किए गए समझौते में हर वाहन के लिए जीपीएस अनिवार्य है। इस संबंध में संबंधित ठेकेदारों से स्पष्टीकरण मांगकर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

इतना राशि खर्च करने के बाद भी शहर गंदा

इधर, मनपा आयुक्त राम ने बताया कि जितना कचरा हमारे यहां प्रोसेस होता है, उससे अधिक टिपिंग फीस दी जा रही है। इसकी जांच की जाएगी, लेकिन अब आगे से कचरा इकट्ठा करने से लेकर प्रोसेसिंग प्लांट तक के परिवहन और वहां से कचरे से बनने वाले प्रोडक्ट की बारीकी से निगरानी करने के लिए अधिकारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। भारी मात्रा में पैसा खर्च करने के बाद भी अगर शहर साफ नहीं हो रहा है, तो यह सही नहीं है। शहर में कचरा प्रबंधन के लिए 1000 वाहनों की जरूरत है। किराए पर वाहन लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

Created On :   28 Nov 2025 2:51 PM IST

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