- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- पुणे
- /
- अब दो गुंठा तक की जमीन के लेन-देन...
Pune city News: अब दो गुंठा तक की जमीन के लेन-देन 7/12 पर दर्ज करना होगा संभव

भास्कर न्यूज, पुणे। टुकड़ेबंदी कानून का उल्लंघन करके हुए जमीन लेनदेन को अब नि:शुल्क नियमित और कानूनी बनाने के लिए आवश्यक कार्य पद्धति तय कर दी गई है। इससे स्पष्ट होगा कि जमीन की रिकॉर्डिंग कैसे की जाए और ऐसे लेन-देन का दस्तावेजीकरण कैसे किया जाए। अब तक दो गुंठा तक की जमीन की खरीद-फरोख्त के मामलों में परिवर्तन नहीं होने के कारण 7/12 पर वह दर्ज नहीं होती थी। नए नियम के अनुसार लेन-देन नियमित होने के बाद उसे दर्ज करना संभव होगा।
राज्य की महानगर पालिकाओं, नगर परिषदों, नगर पंचायतों, साथ ही पुणे महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण जैसे प्राधिकरणों के क्षेत्र में टुकड़ेबंदी कानून को राज्य सरकार ने पहले ही रद्द करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस संबंध में हाल ही में अधिसूचना भी प्रकाशित की गई है। उसके अनुसार 15 नवंबर 1965 से 15 अक्टूबर 2024 तक हुए जमीन के लेनदेन अब नए आदेश के तहत नि:शुल्क नियमित किए जाएंगे।
राज्य के सभी जिलाधिकारियों, जमाबंदी आयुक्तों, भूमि अभिलेख और निबंधन महानिरीक्षक सहित विभागीय आयुक्तों को इस संबंध में आदेश भेजे जा चुके हैं। पुणे महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण जैसे नियोजन प्राधिकरण के क्षेत्रों में आवासीय या वाणिज्यिक जमीन, छावनी क्षेत्र की जमीनें, प्रादेशिक नक्शे में गैर कृषि उपयोग के लिए दर्शाई गई जमीनें और ग्राम सीमा के 200 मीटर के भीतर का क्षेत्र भी अब टुकड़ेबंदी कानून के अंतर्गत नहीं आएंगे। इसलिए इन क्षेत्रों में पहले टुकड़ेबंदी कानून का उल्लंघन करके हुए लेन-देन अब नियमित होंगे।
अब तक तय नहीं थी प्रक्रिया
लेनदेन नियमित करने की प्रक्रिया तय नहीं होने के कारण यह प्रश्न उठता था कि लेनदेन कैसे नियमित होंगे। सरकार ने अब यह कार्य पद्धति तय कर दी है और सह सचिव संजय बनकर ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। नए बदलावों के तहत अन्य अधिकारों में दर्ज नाम अब मुख्य कब्जेदार के रूप में दर्ज किया जाएगा। मानक क्षेत्र से कम क्षेत्र की जमीन का हस्तांतरण यदि दस्तावेजों के माध्यम से हुआ है और उसे नियमित कर दिया गया है, तो संबंधित खरीदार का नाम अधिकार अभिलेख में दर्ज होने के बाद जमीन का पुनः हस्तांतरण करने पर रोक नहीं होगी।
राजस्व विभाग की कार्यपद्धति
यदि टुकड़ेबंदी के दर्ज दस्तावेजों के आधार पर बदलाव रद्द किया गया है, तो इस प्रकार के रिकॉर्ड की जांच अधिकार अभिलेख से कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह बदलाव दस्तावेजों के आधार पर हुआ है। उसके बाद रिकॉर्ड पुनः सक्रिय किया जाएगा। इस प्रकार के लेन-देन का नया बदलाव निबंधन किया जाएगा। यदि टुकड़ेबंदी के दस्तावेजों के आधार पर बदलाव मंजूर किया गया है, तो खरीदार का नाम अन्य अधिकारों में लिया जाएगा। यदि पहले ही यह 7/12 पर दर्ज था, तो उसमें ‘टुकड़ेबंदी कानून-विरुद्ध लेनदेन’ का नोट अब रद्द कर दिया जाएगा।
Created On :   28 Nov 2025 3:23 PM IST












