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मणिपुर में नाइजीरिया, सीरिया जैसे हालात;फिर भी शासक उदासीन: शरद पवार
डिजिटल डेस्क, पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा शरद पवार ने लोनावला में पार्टी के डॉक्टर सेल के राज्यस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन के समापन पर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में जो सामाजिक शांति पैदा हो रही है वह देश के लिए घातक है। मणिपुर के मौजूदा हालात पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि, मणिपुर में सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी पूछ रहे हैं कि हम इस देश के नागरिक हैं या नहीं। मणिपुर में नाइजीरिया, सीरिया जैसी अशांति पैदा हो गई है। बावजूद इसके शासक इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यह देश के लिए अवहनीय है।
शरद पवार ने आगे कहा, पूर्वोत्तर राज्य बहुत संवेदनशील है। पूर्वोत्तर और कश्मीर पर हमेशा नजर रखनी जरूरी है। जब हम रक्षा मंत्री थे तो इस क्षेत्र पर फोकस करते थे। हमें ध्यान रखना चाहिए कि विदेशी शक्तियों को कोई मौका न मिले और चीन और पाकिस्तान के क्षेत्रों में शांति व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए केंद्र सरकार को बहुत सतर्क रहना होगा। यह आज बहुत दिनों से चला आ रहा है। हालांकि आज तक ऐसा नहीं देखा गया कि देश के मुखिया ने इन मसलों पर कोई रास्ता निकालने के लिए कोई बयान दिया हो। पवार ने कहा कि आने वाली 24 तारीख को विपक्षी दलों के तमाम लोग पटना में जुटेंगे और इस मुद्दे को उठाएंगे।
पवार ने कहा कि देश की 70 फीसदी जनता ने बीजेपी को नकार दिया है। जहां तक देश की बात है तो कुछ राज्यों को छोड़कर हर जगह गैर भाजपा सरकारें हैं। जब देश की बात आती है तो नागरिकों को क्षेत्रीय दलों को भी महत्व देना चाहिए। इसकी चिंता न करें कि नेतृत्व कौन करेगा। जब इंदिरा गांधी सत्ता में थीं तब भी आपातकाल लगाने के बाद जनता ने उन्हें नकार कर देश की सत्ता जनता पार्टी के हाथों में दे दी थी। यह अब भी हो सकता है। पवार ने कहा कि देश के नागरिक समझदार हैं और उनके सामने सही तथ्य पेश किए जाने चाहिए. राजनीति केवल सत्ता के लिए नहीं बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को न्याय दिलाने के लिए की जानी चाहिए, इसलिए विभिन्न प्रकोष्ठों का गठन किया गया और आज वे पूरे राज्य में अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। इस मौके पर पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह, महाराष्ट्र प्रदेश चिकित्सक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. सुनील जगताप, विधायक नीलेश लंका, विधायक सुनील शेलके, नरेंद्र काले, विजय जाधव, बसवराज पाटिल सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे। दो दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों ने डॉक्टर सेल को मार्गदर्शन कर उन्हें समृद्ध करने का कार्य किया।
राज्य में जातिगत दंगे हो रहे हैं और जाति-जाति के बीच संघर्ष कैसे होगा, इसकी झलक हमें देखने को मिल रही है। इस प्रवृत्ति के पीछे काफी हद तक शासकों की शक्ति और प्रोत्साहन है। यह देश और प्रदेश के लिए बहुत खतरनाक है। आज देश में लोगों के घरों पर हमले हो रहे हैं, सरकारी अधिकारियों के घरों पर हमले हो रहे हैं। सामाजिक एकता बनाए रखने के लिए शासकों को पहल करने की जरूरत है। हालांकि धर्म और जाति के नाम पर समाज में किस तरह संघर्ष होगा, यही कोशिश हमें देखने को मिल रही है। इसके पीछे काफी हद तक शासकों की शक्ति और प्रोत्साहन है। यह राज्य और देश के लिए बहुत खतरनाक हैं। महाराष्ट्र में कितने सांप्रदायिक दंगे हुए यह बताकर पवार ने आगे कहा, इसका क्या मतलब है कि दो या तीन जिलों में दंगे हो जाते हैं? एक बड़ा तबका है जो समाज में आतंक का माहौल बनाकर काम करता है। हमें उस वर्ग से सावधान रहना चाहिए। सब साथ रहें तो उन्हें सबक सिखाना मुश्किल नहीं है। पवार ने चिंता जताई कि, दुर्भाग्यपूर्ण है आज दंगे उन गांवों में हो रहे हैं जहां पहले कभी दंगे नहीं हुए थे।
Created On :   19 Jun 2023 6:25 PM IST