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Seoni News: 2.59 करोड़ से अधिक का गबन, सहायक आयुक्त दोबारा निलंबित, भोपाल किए अटैच

- जहां पर दोबारा पदस्थ हुए वहां से सवा माह बाद निलंबन की कार्रवाई
- निलंबित हो चुके सहायक आयुक्त उईके का पूरा मामला घोटाले से जुड़ा हुआ है।
Seoni News: जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त अमर सिंह उईके द्वारा किए गए 2.59 करोड़ से अधिक के घोटाले में विभागीय कार्रवाई पीछा ही नहीं छोड़ रही। सवा माह पहले वे सिवनी में पदस्थ हुए थे दोबारा फिर से उन्हें निलंबित कर दिया गया। पूर्व में वे दूसरे कारणों का हवाला देकर कोर्ट से स्टे लेकर बहाल हो गए थे। हैरानी की बात यह है कि उन्हें वहां पर फिर से पदस्थ किया गया था जहां से पहले निलंबित किया गया था। शासन की अनदेखी के कारण उन्हें फिर से कुर्सी मिली थी, लेकिन वह भी छीन ली गई। शुक्रवार को जनजातीय कार्य विभाग की उप सचिव दिशा प्रणय नागवंशी उन्हें निलंबित कर भोपाल अटैच करने का फरमान भी जारी कर दिया।
मामला पूरा घोटाले से जुड़ा
निलंबित हो चुके सहायक आयुक्त उईके का पूरा मामला घोटाले से जुड़ा हुआ है। २५ फरवरी २०१९ से २१ जनवरी २०२१ तक डिंडौरी में पदस्थापना के दौरान उईके ने एससी एसटी राज्य छात्रवृत्ति योजना, रेडक्रॉस मद, क्रीड़ा मद, भारत स्काउट व गाइड लाइन योजना के २.५९ करोड़ सात बैंक खातों के माध्यम से अन्य लोगों व दूसरी फर्मों में डालकर गबन किया था। तब डिंडौरी कोतवाली पुलिस ने २१ फरवरी २०२४ को एफआईआर दर्ज की।
सिवनी आने के बाद हुए थे फरार
जानकारी के अनुसार एफआईआर के पहले सितंबर २०२२ में डिंडौरी से उईके का तबादला सिवनी कर दिया गया था। एफआईआर के बाद वे २२ फरवरी २०२४ से फरार हो गए थे। २६ जुलाई को डिंडौरी पुलिस ने भोपाल से उन्हें गिरफ्तार किया था।इसके बाद वे 29 जुलाई २४ से 10 मई 2025 तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल में रहे थे।
अनुपस्थिति को बनाया वापसी का आधार
सहायक आयुक्त उईके अपने आपको बचाने के लिए काफी जुगत लगाने लगाने लगे। विभाग ने छह मई २०२४ को यह हवाला देकर उन्हें निलंबित कर दिया था कि वे बैठकों में शामिल नहीं होते। इसी को आधार मानकर उईके को जमानत मिल गई। जबकि निलंबन आदेश में उईके के २.५९ करोड़ के गबन और फरार रहने का कोई उल्लेख नहीं था। निलंबन आदेश को आधार पर वे कोर्ट से स्टे लेकर आ गए और फिर से दोबारा सिवनी में पदस्थ हो गए थे। १० जुलाई २०२५ को कलेक्टर ने स्टे के आधार पर उन्हें एसी का प्रभार दे दिया था।
अब भोपाल में देनी होगी सेवाए
शुक्रवार को जारी निलंबन आदेश के अनुसार उईके का मुख्यालय कार्यालय संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास भोपाल संभाग भोपाल मप्र निर्धारित किया गया है। निलंबन आदेश के बाद सिवनी कार्यालय में सनाका खिच गया था। यहां पर तहर तरह की चर्चाओं का दौर भी चला। ज्ञात हो कि उईके के पहले सतेंद्र सिंह मरकाम प्रभार में थे। हाल ही में उईके के वित्तीय अधिकार भी छीन लिए गए थे। यह अधिकार लखनादौन अनामिका रामटेके को दिया गया। हालांकि प्रशासनिक अधिकार जिला योजना अधिकारी एसआर मेरावी को दिए जाने की बात सामने आई है।
Created On :   30 Aug 2025 1:46 PM IST