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Seoni News: महंगा हुआ शपथ पत्र और अन्य दस्तावेज बनाना

- दस साल बाद बढ़ाया गया स्टांप शुल्क, दो से पांच गुना बढऩे से लोगों की बढ़ी परेशानियां
- ज्ञात हो कि कोर्ट व अन्य विभागीय कामकाज के लिए दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
Seoni News: राजस्व और अन्य मामलों में लगने वाले दस्तावेजों के लिए लोगों को अब दो से पांच गुना ज्यादा पैसा खर्च करने होंगे। दरअसल, स्टांप शुल्क बढ़ाने से शपथ पत्र समेत अन्य दस्तावेज तैयार करने के लिए लोगों को अधिक पैसा देना पड़ रहा है। लोग भी हैरान हैं कि सामान्य काम के लिए इतना अधिक पैसा देना पड़ रहा है। हालांकि इसको लेकर कोई विरोध नहीं हुआ है। ज्ञात हो कि कोर्ट व अन्य विभागीय कामकाज के लिए दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
दस साल बाद बढ़े रेट
जानकारी के अनुसार दस्तावेज तैयार करने के लिए लगने वाले स्टांप में शुल्क की वृद्धि 10 साल बाद हुई है। वर्ष 2015 में रेट बढ़े थे। इसके बाद कोई संशोधन नहीं हुआ था। अब 2025 में स्टांप शुल्क बढ़ाया गया है। सबसे ज्यादा परेशाानी कमजोर तबकों के साथ बढ़ गई है। उन्हें स्टांप के लिए पैसे अधिक तो देना पड़ेगा और प्रोसेसिंग फीस अलग देनी होगी। हालांकि नोटरी शुल्क नहीं बढ़ा है।
शपथ पत्र के अधिक काम
स्कूलों के अलावा अन्य कामकाजों में शपथ पत्र की अधिक आवश्यकता होती है। पहले शपथ पत्र ५० रुपए के स्टांप में बन जाते थे, लेकिन अब 100 रुपए का स्टांप लगने लगा है। इससे छात्रों के अभिभावकों और किसानों के साथ परेशानी बढ़ गई है। वर्तमान में अधिकांश कामों के लिए शपथ पत्र मांगे जा रहे हैं। यह काम नोटरी से हो रहे, लेकिन वहां रेट सुनकर भी लोग परेशान हैं।
राजस्व बढ़ाने पर जोर
शासन ने दस्तावेजों में लगने वाले स्टांप के रेट बढ़ा दिए हैं। शासन की मंशा है कि राजस्व अधिक आए। जिले में पिछले साल स्टांप से राजस्व का लक्ष्य 88 करोड़ रखा गया था ,लेकिन राजस्व 72 करोड़ आया था। माना जा रहा है कि स्टांप रेट बढऩे से राजस्व बढ़ जाएगा। सबसे ज्यादा राजस्व रजिस्ट्री में लगने वाले स्टांप से होता है।
वापस लेना चाहिए फैसला
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रवि गोल्हानी का कहना है कि शासन ने दस्तावेजों में लगने वाले स्टांप का जो शुल्क बढ़ाया है वह मनमाना है। पहले जो रेट थे वह यथावत रहना चाहिए। इससे आमजनों और किसानों को परेशान होना पड़ेगा। सरकार को संशोधन करना चाहिए। वहीं, आमजनों द्वारा भी शुल्क बढ़ोतरी वापस लिए जाने की बात कही जा रही है। लोगों का कहना है कि इतनी ज्यादा बढ़ोतरी किया जाना उचित नहीं है।
Created On :   13 Sept 2025 1:48 PM IST