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Seoni News: नए-नए राज आ रहे सामने, डकैती के पहले भी कनेक्ट थे साली और जीजा

- 3 करोड़ की डकैती के बाद पूजा पांडे ने जीजा से 43 बार की थी बात
- फारेंसिक जांच में खुलासे के बाद जीजा हुआ था गिरफ्तार
Seoni News: सिवनी एसडीओपी रहीं पूजा पाण्डे ने जिन 11 पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर 8-9 अक्टूबर की दरमियानी रात 2 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपए की जिस हवाला डकैती की वारदात को अंजाम दिया गया था, उसकी परतें अब भी उधड़ रही हैं और नए-नए राज सामने आ रहे हैं। जांच में यह उजागर हो चुका है कि डकैती की इस वारदात को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। 20 नवंबर को जेल भेजे गए बालाघाट हॉक फोर्स के डीएसपी पंकज मिश्रा, पूजा का जीजा वीरेन्द्र दीक्षित, जबलपुर का आरक्षक प्रमोद सोनी व पूर्व हवाला कारोबारी पंजू गोस्वामी की डकैती कराने में अहम भूमिका रही।
प्रमोद, पंकज, पंजू एकदूसरे से जुड़े रहे, वहीं पूजा अपने जीजा वीरेन्द्र व पंकज से लगातार बात करती रहीं। पिछले माह गिरफ्तारी के बाद जेल भेजी गईं पूजा पांडे के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच में सामने आया है कि डकैती की वारदात के पहले और उसके बाद लगातार अपने जबलपुर निवासी जीजा वीरेन्द्र दीक्षित से संपर्क में थीं। घटना दिनांक 8 अक्टूबर की रात 10 बजे से 09 अक्टूबर की रात 10 बजे के बीच दोनों में 53 बार बात हुई थी। इसमें 10 कॉल डकैती के पहले और 43 कॉल डकैती की वारदात के बाद हुए। पूजा पांडे के मोबाइल फोन की फॉरेसिंक जांच से जो चैट (बातचीत) रिकवर हुई है, उससे यह सामने आया है कि डकैती के दौरान रात्रि 02:02, 02:30, 03:19 व 04:03 बजे आरोपी जीजा ने पूजा पांडे को चार मैसेज किए।
मैसेज क्रमश: इस प्रकार रहे- रॉन्ग इनफॉर्मेशन तो नहीं है, क्या हुआ, 30/70, मानना नहीं वो लोग मान जाएंगे, और जल्दी करो थोड़ा जल्दबाजी दिखाओगे तो काम हो जाएगा। जीजा ने 9 अक्टूबर को दिन में 03:44 बजे मैसेज कर पूछा कुछ तो बताओ। इसके एक मिनट बाद फिर मैसेज किया बहुत टेंशन हो रही है।
गोस्वामी ने दी थी पैसे जाने की सूचना
जबलपुर आईजी प्रमोद वर्मा द्वारा एसआईटी गठित कर एएसपी जबलपुर, शहर जोन-01 जीतेन्द्र सिंह से कराई गई जांच अभी जारी है। जांच में लगातार खुलासे हो रहे हैं और अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी पंजू गोस्वामी ने 8 अक्टूबर की रात सबसे पहले जबलपुर के आरक्षक प्रमोद सोनी को क्रेटा कार में हवाला के 2 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपए ले जाए जाने की सूचना दी गई थी। इसके बाद यह जानकारी बालाघाट डीएसपी रहे पंकज मिश्रा व सिवनी एसडीओपी पूजा पांडे तक पहुंची। गोस्वामी और प्रमोद के बीच 8 अक्टूबर की रात 10 बजे से 09 अक्टूबर की रात 10 बजे के बीच 25 बार मोबाइल पर बातचीत की। इनमें 18 कॉल लूट की घटना के पूर्व एवं 07 कॉल लूट की घटना के पश्चात किए गए।
कॉन्फ्रेंस कॉल पर भी बातचीत
जांच में यह भी सामने आया है कि गोस्वामी, प्रमोद व पंकज की इस आपराधिक षडयंत्र में बड़ी भूमिका रही। जिस समय डकैती की वारदात को अंजाम दिया जा रहा था, उस समय भी तीनों की बातचीत होना उजागर हुआ है। जांच में खुलासा हुआ है कि 09 अक्टूबर की रात 03.14 बजे तीनों ने कॉन्फ्रेंस कॉल पर बात की थी।
अब तक ये भेजे जा चुके हैं जेल
कटनी व सतना से महाराष्ट्र के नागपुर व जालना ले जाए जा रहे हवाला के 2 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपए की डकैती के मामले में अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें 13 पुलिसवाले हैं, जबकि दो अन्य हैं। अब तक जिनको गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, उनमें सिवनी एसडीओपी रहीं पूजा पांडेय, बालाघाट हॉकफोर्स के डीएसपी रहे पंकज मिश्रा, बंडोल थाना प्रभारी रहे एसआई अर्पित भैरम, लखनादौन एसडीओपी कार्यालय में पदस्थ रहे प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक रविन्द्र सिंह उइके, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक माखन सिंह इनवाती, आरक्षक जगदीश यादव, आरक्षक योगेन्द्र चौरसिया, एसएएफ आरक्षक सुभाष सदाफल, आरक्षक केदार सिंह, एसडीओपी का चालक आरक्षक रीतेश वर्मा, आरक्षक नीरज, आरक्षक प्रमोद सोनी, पंजू गिरी गोस्वामी और एसडीओपी पूजा का जीजा वीरेन्द्र दीक्षित शामिल हैं।
प्रमोद-गोस्वामी का जमानत आवेदन खारिज
विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटिज)/ अपर सत्र न्यायाधीश सिवनी गालिब रसूल ने आरोपी साईंबाबा कालोनी, स्नेह नगर जबलपुर निवासी वीरेन्द्र दीक्षित (32) तथा पंचशील नगर, गौरीघाट जबलपुर निवासी पंजू गिरी गोस्वामी (40) का जमानत आवेदन खारिज कर दिया है। दोनों को जमानत देने को लेकर न्यायालय में बहस हुई। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता मनीष दत्त, वीरेन्द्र शर्मा, अभिषेक श्रीवास्तव, नवीन आहुआ, सौरभ दुबे व निश्चय हेडाउ ने बहस करते हुए जमानत दिए जाने का आग्रह किया, जबकि अभियोजन की ओर से उपस्थित अपर लोक अभियोजक नेतराम चौरसिया ने जमानत दिए जाने का पुरजोर विरोध किया। न्यायालय ने यह कहते हुए उनका जमानत आवेदन खारिज कर दिया कि अन्वेषण अभी जारी है। प्रकरण के समग्र तथ्यों व परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए जमानत का लाभ पाने के पात्र नहीं हैं।
Created On :   28 Nov 2025 2:31 PM IST












