शहडोल: तालाबों पर मेढ़ से लेकर कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण कर निर्माण

तालाबों पर मेढ़ से लेकर कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण कर निर्माण
  • तालाबों पर मेढ़ से लेकर कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण कर निर्माण
  • मनमानी पर पर्दा डालते रहे जिम्मेदार, 50 साल में 70 तालाबों का मिटा नामोनिशान

डिजिटल डेस्क, शहडोल। घरौला तालाब पर मेढ़ के साथ ही कैचमेंट एरिया में निर्माण की तस्वीर शहडोल शहर में तालाबों पर अतिक्रमण के साथ ही जिम्मेदारों के उदासीन रवैये का भी बड़ा उदाहरण पेश कर रही है। तालाबों के शहर शहडोल में कभी तीन सौ से ज्यादा छोटे-बड़े तालाब थे तो अब यहां, गिनती के ही तालाब शेष बचे हैं। तालाबों पर खुलेआम हो रहे अतिक्रमण के मामलों पर समय रहते राजस्व व नगर पालिका द्वारा कार्रवाई नहीं करने का नुकसान यह हो रहा है कि जो तालाब अस्तित्व में हैं भी तो वहां जलभराव से लेकर पानी निकासी के बेहतर इंतजाम नहीं हैं।

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अतिक्रमण की चपेट में कई तालाब

नागरिकों ने बताया कि शहर में कई एतिहासिक तालाब अतिक्रमण की चपेट में हैं। इन तालाबों में कैचमेंट एरिया से लेकर मेढ़ पर अतिक्रमण किया गया। पांडवनगर में कई तालाब ऐसे हैं, जहां तालाब के चारों ओर निर्माण हो जाने से पहुंचना ही मुश्किल हो गया है।

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स्वच्छ भारत अभियान के बीच तालाब में भर रहा नाली का गंदा पानी

शहर में एक ओर नगर पालिका द्वारा स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है तो दूसरी ओर घरौला तालाब पर नाली का पानी जा रहा है। यहां निवास कर रहे लल्लू बर्मन ने बताया कि नाली में मिट्टी व कचरा डालने के बाद कई दिनों से सफाई नहीं हुई। यही कारण है कि ओवरफ्लो के बाद नाली का गंदा पानी तालाब में जा रहा है।

रिपोर्ट मंगवाते हैं

शहर में तालाब थे तो उनका अस्तित्व में आना जरूरी है। इस संबंध में रिपोर्ट मंगवाते हैं। जल संरक्षण के लिए तालाबों का अस्तित्व में रहना जरूरी है।

बीएस जामोद कमिश्नर शहडोल

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Created On :   26 March 2024 11:10 AM GMT

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