शहडोल: सत्र बीतने के बाद भी 13 हजार छात्रों को छात्रवृत्ति का इंतजार

सत्र बीतने के बाद भी 13 हजार छात्रों को छात्रवृत्ति का इंतजार
  • पढ़ाई के लिए छात्रों को आर्थिक मदद दिलाने की योजना में हावी भर्रेशाही
  • जरूरतमंद छात्रों के लिए बेकाम साबित हुई योजना
  • कुल 7 हजार 225 छात्रों के ही खाते में राशि जनरेट हुई।

डिजिटल डेस्क,शहडोल। शिक्षण सत्र में परीक्षा समाप्त हो जाने के बाद भी जिलेभर में 318 हायरसेकेंडरी-हाईस्कूल के 13 हजार 36 एसटी-एससी छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिली। सरकार द्वारा ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि पढ़ाई के दौरान आर्थिक मदद के उद्देश्य से दी जाती है।

इधर, पढ़ाई तो दूर परीक्षा समाप्त होने के बाद भी छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिलने से इन हजारों छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना बेकाम साबित हुई है। छात्रवृत्ति वितरण में लेटलतीफी का यह मामला कक्षा नवमी से बाहरवीं के बीच के छात्रों के लिए है।

एसटी-एससी वर्ग के ऐसे छात्रों में सालभर में 2 से 3 हजार रूपए के बीच छात्रवृत्ति उनके खाते में दिए जाने का प्रावधान है।

ऐसे समझें लापरवाही का गणित-

28 हजार 848 प्रवेशित छात्रों में 22 हजार 719 का प्रोफाइल बना। इनमें से 20 हजार 140 छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया कुछ दिन पहले तक तो 15 हजार 288 छात्रों की जानकारी ही वेरीफाई हो सकी।

इसमें 14 हजार 861 की जानकारी एप्रुव हुई तो 4152 छात्रों के प्रकरण सेंक्शन के लिए पेंडिग़ में रहा। इस प्रकार कुल 7 हजार 225 छात्रों के ही खाते में राशि जनरेट हुई। 13 हजार 36 छात्रों को अब भी छात्रवृत्ति की राशि का इंतजार है।

इन स्कूलों में वेरीफाई के ज्यादा मामले लंबित-

रघुराज क्रमांक एक 315, गुरूकुलम आवासीय 136, निपनिया 238, एक्सीलेंस गोहपारू 321, आदिवासी कन्या जयसिंहनगर 105, एक्सीलेंस जयसिंहनगर 255, हायर सेकेंडरी स्कूल जैतपुर 195, कर्री 174, टेंघा 192, कठौतिया 162, खैरहा 150, आवासीय कन्या शिक्षा परिसर शहडोल 145, गल्र्स सोहागपुर 249, ज्ञानोदय पुलिस लाइन 178, बाणसागर 103, गल्र्स ब्यौहारी 247, गल्र्स बुढ़ार 205, आवासीय परिसर सीधी 145, बरमनिया 179, एक्सीलेंस ब्यौहारी 299, चुहिरी 220, रसमोहनी 101, सिंहपुर 75, खन्नौधी 287, मउ 161, गल्र्स हायर सेकेंडरी शहडोल 292, ज्ञानोदय विचारपुर 241, एमएलबी 262, एक्सीलेंस रघुराज 283, एकलव्य धुरवार 147 सहित अन्य शासकीय स्कूल शामिल हैं।

डीइओ ने ऑनलाइन सिस्टम पर ही मढ़ दिया दोष-

जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) एफएस मारपाची ने छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने का सारा दोष ऑनलाइन सिस्टम पर मढ़ दिया। बताया कि छात्रों को एमपी टास्क यानी एमपी टीएएएससी (मध्यप्रदेश ट्राइबल अफेयर्स एंड शेड्यूल्टकास्ट वेलफेयर ऑटोमेशन सिस्टम) से छात्रवृत्ति दिए जाने का निर्णय चार माह पहले ही लिया गया है।

इस सिस्टम से छात्रों को छात्रवृत्ति राशि वितरण के लिए जरूरी है कि आधार और समग्र में नाम, जाति, जन्मतिथि, उम्र सहित अन्य सभी जानकारी एक जैसे होना चाहिए।

यहां ज्यादातर छात्रों की जानकारी में एकरूपता नहीं होने के कारण एमपी टॉस्क से राशि जनरेट में होने में समस्या आ रही है। एमपी टॉस्क में आवेदन के बाद प्रोफाइल अपडेटेशन, स्वीकृति के बाद राशि जनरेट होती है।

Created On :   28 March 2024 12:10 PM GMT

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