Shahdol News: बिजली विभाग के डीई पर अल्ट्राटेक को करोड़ों रूपए का लाभ पहुंचाने का आरोप

बिजली विभाग के डीई पर अल्ट्राटेक को करोड़ों रूपए का लाभ पहुंचाने का आरोप
  • एक अन्य पत्र जारी कर एक मार्च 2019 को काम पूरा होना बताया गया।
  • बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों ने अधिकारी को बलि का बकरा बनाया है।

Shahdol News: मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एमपीएसईबी) बिजली विभाग शहडोल में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री संचालन व संधारण मुकेश सिंह पटेल के खिलाफ 12 जून को कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज हुई।

धारा 420 पर दर्ज एफआईआर के जांच प्रतिवेदन में आरोप है कि मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट को बिजली कनेक्शन प्रदाय किए जाने के दौरान मध्यप्रदेश शासन की एक योजना में छूट का लाभ दिए जाने के लिए काम पूर्ति अवधि संबंधी दो पत्र अलग-अलग तारीख की जारी करने से अल्ट्राटेक प्रबंधन ने साढ़े 8 करोड़ रूपए छूट का दावा किया। इस संबंध में मुकेश पटेल की प्रतिक्रिया लेने फोन लगाया तो मोबाइल स्विच ऑफ था।

यह थी योजना

मध्यप्रदेश शासन की 3 मार्च 2014 को जारी अधिसूचना में पांच वर्ष के दौरान यानी 3 मार्च 2019 तक की अवधि में चिन्हित काम पूरा करने पर ड्यूटी में 30 से 40 प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया था।

1 और 5 मार्च के बीच उलझा मामला

मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट को बिजली कनेक्शन के लिए पुष्पराज इंटरप्राइजेस जिला धार को ठेके पर काम सौंपा, जिसमें बिजली विभाग शहडोल के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री द्वारा 5 मार्च 2019 को काम पूरा होना बताकर शासन की योजना का लाभ नहीं मिलने की बात कही गई। इस पर अल्ट्राटेक प्रबंधन ने उच्चाधिकारियों से शिकायत दर्ज करवाई और एक मार्च 2019 को काम पूरा होने की बात कहकर छूट का दावा किया।

तभी एक अन्य पत्र जारी कर एक मार्च 2019 को काम पूरा होना बताया गया। इसके बाद भी छूट नहीं मिली तो कंपनी प्रबंधन ने ऊर्जा सचिव भोपाल में अपील की। वहां से दोनों पत्र में सही पत्र की जानकारी मांगी गई तो शहडोल से एक मार्च को जारी पत्र को सही बताया, इसके बाद भी ऊर्जा सचिव ने छूट नहीं दी और बिजली कनेक्शन चार्ज करने की तारीख 13 मार्च 2019 को बताकर छूट रिजेक्ट कर दिया।

इसके बाद कंपनी ने हाईकोर्ट की शरण ली तो न्यायालय ने एक मार्च को काम पूर्ण माना और बिजली विभाग को साढ़े 8 करोड़ रूपए 6 प्रतिशत ब्याज के साथ देने के निर्देश दिए। इसके बाद कंपनी ने यह जांच की कि आखिर किस अधिकारी के कारण ऐसा हुआ है और मुकेश पटेल को दोषी बनाकर एफआईआर दर्ज करवाई गई।

इसमें यह भी चर्चा है कि बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों ने अधिकारी को बलि का बकरा बनाया है।

Created On :   16 Jun 2025 2:26 PM IST

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