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Shahdol News: 172 करोड़ रूपए के प्रोजेक्ट में लापरवाही, सडक़ बंद होने से आवाजाही मुश्किल

- डेढ़ माह में होने वाला सीवर लाइन का काम 3 माह बाद भी अधूरा
- ठेका कंपनी में शहर में काम के दौरान हर स्तर पर मनमानी की।
- शहर में 20 से ज्यादा ऐसे स्थान हैं, जहां पाइप लाइन बिछ जाने के बाद भी सडक़ को पहले जैसा नहीं किया गया।
Shahdol News: शहर के महात्मा गांधी स्टेडियम के समीप सडक़ पर खुदाई के बाद संकरी गली में नागरिकों के आवागमन में परेशानी की यह तस्वीर सीवर लाइन प्रोजेक्ट की है। यहां मार्च माह में सडक़ बंद कर पाइप डालने का प्रारंभ हुआ तो ठेका कंपनी पीसी स्नेहल ने दावा किया कि डेढ़ माह में काम पूरा कर सडक़ को लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।
अब तीन माह में काम पूरा नहीं होने के बाद सबसे ज्यादा परेशानी यहां आसपास रहने वाले 80 से ज्यादा परिवारों को हो रही है। हालांकि काम में हो रही देरी की वजह बीच-बीच में बारिश को बताया जा रहा है। वहीं आसपास के रहवासी बताते हैं कि काम के दौरान खुदाई कर पाइप डालने के बजाए छोड़ दिया गया और बारिश हो गई।
यह सब कंपनी के कर्मचारियों की कुप्रबंधन का नतीजा है। लापरवाही पर मध्यप्रदेश अर्बन डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीयूडीसी) के विजय सिंह ने बताया कि चार दिन में काम पूरा करने कहा गया है। नहीं कर पाते हैं तो अधूरे काम को ही बंद करवाकर सडक़ को आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।
खास-खास
> जून 2025 में काम पूरा करना पर 38 प्रतिशत काम शेष होने के बाद कंपनी ने तीसरी बार दिसंबर 2025 तक के लिए एक्सटेंशन मांगा तो वल्र्ड बैंक ने देने से मना कर दिया।
> वल्र्ड बैंक के इस रुख से ठेका कंपनी की नींद उड़ी है और इसका असर काम पर दिख रहा है। अधूरे कार्यों को पूरा करने में उदासीन रवैया अपनाई जा रही है।
> शहडोल में सीवर लाइन प्रोजेक्ट का काम दिसंबर 2021 में प्रारंभ हुआ और कंपनी ने दो साल में काम पूरा करने की बात कही। यानी दिसंबर 2023 में काम पूरा होना था पर डेढ़ साल बाद भी 38 प्रतिशत काम शेष होना कंपनी की लापरवाही प्रदर्शित करती है।
> 172 करोड़ के प्रोजेक्ट में 162 करोड़ रूपए का काम होना है और दस साल के लिए 10 करोड़ रूपए बतौर मेटेंनेंस बजट है। इसमें अब तक कंपनी को 53 करोड़ रूपए का भुगतान हुआ है।
> ठेका कंपनी में शहर में काम के दौरान हर स्तर पर मनमानी की। इससे नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शहर में 20 से ज्यादा ऐसे स्थान हैं, जहां पाइप लाइन बिछ जाने के बाद भी सडक़ को पहले जैसा नहीं किया गया।
Created On :   29 May 2025 2:00 PM IST