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Shahdol News: कुछ साल में ही टूट जा रहीं शहर की सडक़ें

- इंजीनियरिंग पर उठ रहे सवाल क्योंकि गुणवत्ता पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
- कोतवाली के सामने से एमपीईबी कालोनी मार्ग का निर्माण दो ढाई साल पहले हुआ था
- गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता अथवा इंजीनियरिंग फेल है।
Shahdol News: नगरपालिका के विभिन्न वार्डों में लाखों-करोड़ों खर्च कर सीसी रोड का निर्माण तो कराया जाता है, लेकिन उनकी उम्र 2-3 साल से अधिक नहीं रहती। मुख्य रोड से लेकर गलियों में बनने वाली सीमेंट सडक़ों की हालत वर्तमान में ऐसे हो चुकी हैं, जो चलने लायक भी नहीं बची हैं। जबकि उनके अधिकांश का निर्माण कुछ साल पहले ही हुआ था।
ऐसे में नागरिकों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर ऐसा होता है क्यों है, गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता अथवा इंजीनियरिंग फेल है। यदि गुणवत्तायुक्त सडक़ नहीं बना सकते तो फिर शासकीय राशि की बर्बादी क्यों होती है।
इन जगहों की सडक़ें जर्जर
कोतवाली के सामने से एमपीईबी कालोनी मार्ग का निर्माण दो ढाई साल पहले हुआ था, जो जगह-जगह से उखड़ चुकी है। इंदिरा चौक से किरन टाकीज मार्ग की सीसी रोड में गड्ढे ही गड्ढे हो चुके हैं। वार्ड नंबर 25 न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी में तीन महीने पहले बनी तीन सीसी रोड से गिट्टियां बाहर आने लगी हैं। शिवम कालोनी तथा पटेल नगर की सडक़ों का यही हाल है, जो उखडऩे लगी हैं।
इन दो सडक़ों से सीखना होगा सबक
नगर की दो सडक़ें न्यू गांधी चौक से गंज तक तथा पंचायती मंदिर से कोतवाली तक, दो ऐसी सीसी सडक़ें हैं जो तकनीकी मजबूती का उदाहरण हैं। इन सडक़ों का निर्माण नगरपालिका ने ही ठेकेदार के माध्यम से 25 साल पहले कराया था, इन सडक़ों पर दरार तक नहीं आई है। यानि यदि इंजीनियर व ठेकेदार चाह लें तो गुणवत्तायुक्त सडक़ बनाई जा सकती है।
लेकिन कमीशनखोरी के चक्कर में इंजीरियर्स ठेकेदार के भरोसे कार्य छोड़ देते हैं, जिसके कारण हर साल एक ही रोड का निर्माण कराने की नौबत आ जाती है।
Created On : 13 May 2025 12:36 PM