भवन निर्माण मजूदरों को जकड़ रही स्पोंडिलोसिस की बीमारी, पंजीकृतों को फोल्डिंग बेड देगी सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। महाराष्ट्र में भवन निर्माण का काम करने वाले मजदूरों को स्पोंडिलोसिस की बीमारी जकड़ रही है। महाराष्ट्र इमारत व अन्य निर्माण कार्य कामगार कल्याणकारी मंडल में पंजीकृत श्रमिकों को राज्य सरकार फोल्डिंग बेड उपलब्ध कराएगी। कामगार बेड को एक स्थल से दूसरी जगह ले जा सकेंगे। प्रदेश के श्रम मंत्री सुरेश खाडे ने "दैनिक भास्कर' को बताया कि भवन निर्माण कामगारों में ज्यादातर स्पोंडिलोसिस बीमारी की चपेट में हैं। इसके मद्देनजर कामगारों को फोल्डिंग बेड देने की योजना गई है। कामगार इमारत निर्माण स्थल के पास टिन के शेड में रहते हैं। कामगारों को सोने के लिए उचित व्यवस्था नहीं होती है।
इन कामगारों के साथ साइट पर बच्चे भी रहते हैं। जब कामगार काम करते हैं, तब बच्चे जमीन पर अकेले ही खेलते हैं। इससे बच्चों को सांप डंस लेते हैं या बिच्छू डंक मार देते हैं। कामगारों को बेड देने का फायदा बच्चों को भी होगा। फोल्डिंग बेड होने के कारण कामगार आवश्यकता अनुसार उसे कहीं भी ले जा सकेंगे। खाडे ने कहा कि फिलहाल कामगार कल्याणकारी मंडल की ओर से पंजीकृत कामगारों को मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन कई बार मध्याह्न भोजन को लेकर शिकायतें मिलती हैं। इसके मद्देनजर मिड-डे मील के लिए कामगारों को कार्ड देने का फैसला लिया गया है।
नगर निकायों को लेनी होगी एनओसी
खाडे ने कहा राज्य की सभी महानगर पालिकाओं और नगर पालिकाओं को एक नोटिस जारी किया गया है। इसके तहत महानगर पालिकाओं और नगर पालिकाओं को इमारत की ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट देने से पहले कामगार कल्याण मंडल से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा। खाडे ने कहा कि उदाहरण के तौर पर बिल्डर पहले केवल तीन मंजिला इमारत के लिए अनुमति लेते हैं। इसके बाद चार और मंजिलें बनाते हैं। मतलब यह कि सात मंजिल की बिल्डिगं बनाई जाती है। लेकिन कामगार कल्याणकारी मंडल को सिर्फ तीन मंजिल के निर्माण के लिए एक प्रतिशत सेस मिलता है। सेस कम मिलने से सरकार को राजस्व का नुकसान होता है। इसके मद्देनजर अब कामगार कल्याणकारी मंडल से एनओसी अनिवार्य की गई है।
तहसील स्तर पर पंजीयन
खाडे ने कहा कि महाराष्ट्र इमारत व अन्य निर्माण कार्य कामगार कल्याणकारी मंडल में पंजीयन के लिए मजदूरों को जिला मुख्यालय पर आना पड़ता है। सभी मजदूरों के लिए यह संभ नहीं है। इसलिए सरकार ने कामगार कल्याणकारी मंडल का तहसील स्तर पर सेतु कार्यालय शुरु करने का फैसला लिया गया है। सेतु कार्यालय बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। सेतु कार्यालय में संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले सभी मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। खाडे ने बताया कि राज्य में लगभग 18 लाख 75 हजार से अधिक कामगार पंजीकृत हैं।
Created On :   7 May 2023 8:57 PM IST