जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता आदिवासी संस्थाएं नहीं खरीदेंगी धान
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. आदिवासी कार्यकारी सहकारी संस्थाओं का संघ जिला की बैठक 7 मई को महाराष्ट्र राज्य सहकारी आदिवासी विकास महामंडल उपप्रादेशिक कार्यालय देवरी के सभागृह में संगठन के अध्यक्ष शंकर मडावी की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में महाराष्ट्र राज्य सहकारी आदिवासी विकास महामंडल नाशिक के संचालक भरतसिंह दुधनाग भी उपस्थित थे। इस बैठक में आदिवासी धान खरीदी संस्थाओं से संबंधित अनेक विषयों पर चर्चा की गई।
चर्चा के बाद सर्वसम्मती से निर्णय लिया गया कि जब तक शासन और आदिवासी विकास महामंडल आदिवासी सहकारी संस्थाओं की मांगों एवं समस्याओं का समाधान नहीं करता तब तक शासकीय धान खरीदी संस्थाओं द्वारा नहीं की जाएगी। आदिवासी सहकारी संस्थाओं के संघ की प्रमुख मांगों में खरीदे गए धान को गोदामों से तत्काल उठाने, संस्थाओं का कमिशन समय पर देने, गोदाम किराया समय पर देने खरीदी के लिए बारदाने तत्काल दिए जाने, कमिशन की राशि 30 रूपए से बढ़ाकर 50 रूपए प्रति क्विंटल करने, मंडी लेबर चार्ज में वृद्धि कर समय पर देने, धान खरीदी के लक्ष्य की शर्त रद्द कर खरीदी केंद्र के रजिस्ट्रेशन के हिसाब से एक ही बार लक्ष्य निर्धारित कर देने, एक बोरी में 40 किलो धान नहीं आने के कारण बोरी बड़े साईज की देने, गोदाम भाडे में बढ़ोतरी कर दो माह की बजाए धान संग्रहीत रहने की अवधी तक का भाडा देने आदि मांगों का प्रमुखता से समावेश है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि संस्थाओं की उपरोक्त मांगे यदि शासन द्वारा मान्य नहीं की गई, तो ग्रीष्मकालीन मौसम के धान की शासकीय खरीदी जिले की कोई भी संस्था नहीं करेगी।
बैठक में प्रमुख रूप से बसंत पुराम, उत्तम मरकाम, हरिश कोहडे, तानेश ताराम, गणेश टोपे, जीवन बापू राऊत, पतिराम भोगारे, मन्नू मडावी, माणिक आचले, लक्ष्मण लटये, काशिनाथ राणे, प्रल्हाद वरठे, पुरूषोत्तम मेश्राम, विठ्ठल नेवारे, गोमती तितराम, तुलसीराम परशुरामकर, कुवरलाल नाईक, राजू राऊत, तुकाराम धुर्वे, मदन रहिले, तुकाराम मारगाये, लोकनाथ तितराम, रविंद्र लोगडे, देवराव वलके, मंसुर अली शेख सहित जिले के आदिवासी संस्थाओं के अध्यक्ष और सचिव बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
Created On :   9 May 2023 7:06 PM IST