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- Sourav Ganguly turns 46 years old, Know about Dada of indian cricket
दैनिक भास्कर हिंदी: 47 के हुए सौरव गांगुली, जानिए भारतीय क्रिकेट के 'दादा' के बारे में
हाईलाइट
- 47 के हुए बंगाल के टाइगर सौरव गांगुली
- 'प्रिंस ऑफ़ कोलकता' 'दादा' और 'द बंगाल टाइगर' के नाम से लोकप्रिय हैं सौरव गांगुली
- ऑफ साइड के सबसे बेहतरीन बल्लाबाजों में से एक रहे हैं सौरव गांगुली
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रिंस ऑफ़ कोलकाता सौरव गांगुली आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को पश्चिम बंगाल में हुआ था। भारतीय क्रिकेट के महान कप्तानों में से एक सौरव गांगुली 'दादा' और 'द बंगाल टाइगर' के नाम से क्रिकेट प्रशसंकों के बीच लोकप्रिय हैं। गांगुली को आक्रामक कप्तानी और बेहतरीन बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है। गांगुली का नाम ऑफ साइड के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों की लिस्ट में शुमार है।
सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स के मैदान पर शतक जमाने के बाद अपने ही अंदाज में टेस्ट क्रिकेट से अलविदा कहा था। गांगुली उस समय भारत के तीसरे ऐसे बल्लेबाज थे जिनके नाम सबसे ज्यादा 18,575 रन थे। दादा ने 183 रनों की सबसे बड़ी और शानदार पारी खेली थी। ये उस समय किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा सबसे बड़ा स्कोर था।
सौरव गांगुली आज भी विदेशी जमीन पर सबसे सफल कप्तान माने जाते हैं। दादा वही कप्तान थे जो टीम इंडिया को 2003 में वर्ल्ड कप के फाइनल तक लेकर गए थे। जब दादा ने टीम इंडिया की जर्सी को नेटवेस्ट ट्रॉफी की जीत के बाद इंग्लैंड के खिलाफ मैदान के बीच में लहराया था, वो मैदान में अलग ही अंदाज था।
गांगुली को 2004 में पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। अपने करियर के 113 टेस्ट मैचों में 42.14 की औसत से उन्होंने 7213 रन बनाए, जिनमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं 311 वनडे मैचों में उन्होंने 41.02 की औसत से 11363 रन बनाए, जिनमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं।
सौरव गांगुली के 47वें जन्मदिन पर पढ़ें उनसे जुड़े कुछ चर्चित बयान:
युवराज सिंह - मैं ऐसे कप्तान के लिए मरने के लिए भी तैयार हूं।
इयान हिली (पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर ) - सौरव गांगुली माइंड गेम के नए स्टीव वॉ हैं।
बाइचुंग भूटिया (भारत के स्टार फुटबॉलर) - सौरव ही एकमात्र वजह हैं जिसकी वजह से मैं आज क्रिकेट प्रेमी हूं।
सचिन तेंदुलकर - सौरव की सबसे बड़ी ताकत उनका दिमाग है। वह न सिर्फ नेट्स में बल्कि मानसिक तौर पर भी कड़ी मेहनत करने वाले हैं। वह वापसी करते हैं।
एमएस धोनी - ईमानदारी से कहूं तो टीवी स्क्रीन पर वह बहुत ही अलग दिखते हैं। अगर आप उनसे वास्तव में मिलें तो वह बहुत ही जोशीले व्यक्ति हैं।
ऑस्ट्रेलियन टीम के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ - गांगुली पहले ऐसे कप्तान थे जिन्होंने भारतीय जिस तरह खेलता है उसकी धारणा बदल दी। अब भारत और ऑस्ट्रेलियाई टीम में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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