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गांगुली ने कहा-शास्त्री की दोबारा नियुक्ति करने की जरूरत नहीं

हाईलाइट
- गांगुली ने कहा है कि, कोच शास्त्री को दोबारा नियुक्ति करने की जरूरत नहीं है
- सीएसी को बोर्ड के लोकपाल डी.के.जैन ने हितों के टकराव में घसीटा था ऐसी संभावनाएं जताई जा रही थीं कि अगर सीएसी का गठन अवैध घोषित होता है तो शास्त्री की कुर्सी जा सकती है
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के भावी अध्यक्ष सौरव गांगुली के टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री से रिश्ते भले ही ठीक न हों लेकिन गांगुली ने कहा है कि, कोच को दोबारा नियुक्ति करने की जरूरत नहीं है। शास्त्री को कोच चुनने वाली एड-हॉक क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को बोर्ड के लोकपाल डी.के.जैन ने हितों के टकराव में घसीटा था और ऐसी संभावनाएं जताई जा रही थीं कि अगर सीएसी का गठन अवैध घोषित होता है तो शास्त्री की कुर्सी जा सकती है। गांगुली ने हालांकि कहा है कि, ऐसा करने की जरूरत नहीं है। गांगुली ने कहा, मुझे नहीं लगता कि इससे शास्त्री के चयन में कुछ परेशानी आएगी। मैं हालांकि आश्वस्त नहीं हूं। जहां तक कि हमने तब भी कोच का चयन किया जब हितों के टकराव का मुद्दा था।
वहीं गांगुली से जब पूछा गया कि, क्या उन्होंने बोर्ड का अध्यक्ष तय होने के बाद शास्त्री से बात की है तो गांगुली ने हंसते हुए कहा, क्यों? अब उन्होंने क्या किया। अगर लोकपाल सीएसी को हितों के टकराव का दोषी मानते हैं तो शास्त्री को दोबारा नियुक्त करने की जरूरत है या नहीं इस पर प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने टिप्पणी करने से मना कर दिया था। राय ने कहा था, पहली बात तो यह काल्पनिक सवाल है। दूसरी बात, मेरा लोकपाल के फैसले से पहले कुछ भी बोलना गलत है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।