रंगदारी: गोगी गैंग के नाम पर 50 लाख की रंगदारी मांगने के आरोप में दुबई से लौटा कारोबारी गिरफ्तार

गोगी गैंग के नाम पर 50 लाख की रंगदारी मांगने के आरोप में दुबई से लौटा कारोबारी गिरफ्तार
कारोबारी से 50 लाख रुपये की रंगदारी वसूलने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुबई से लौटे एक कारोबारी को दूसरे कारोबारी से 50 लाख रुपये की रंगदारी वसूलने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि आरोपी की पहचान नोएडा निवासी 27 वर्षीय नरेंद्र के रूप में हुई है। इसने दो नाबालिगों को काम पर रखा था, जिन्होंने पीड़ित के घर पर गोलियां चलाईं और खुद को जितेंद्र गोगी गिरोह से होने का दावा करते हुए एक धमकी भरा नोट भी छोड़ा। बिल्डिंग मटेरियल का कारोबार करने वाले और उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद गांव के रहने वाले गौरव त्यागी की शिकायत के आधार पर 30 नवंबर को मामला दर्ज किया गया था।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 30 नवंबर को दोपहर करीब 12:30 बजे बाइक पर सवार दो अज्ञात लोगों ने उनके आवास पर गोलियां चलाईं और एक पर्चा फेंककर कुख्यात गोगी गैंग के नाम पर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। त्यागी ने जांचकर्ताओं को यह भी बताया कि उन्हें गोगी गैंग, दीपक बॉक्सर, सनी काकरान और अनुज जाट के नाम पर 8 दिसंबर को एक व्हाट्सएप नंबर से 50 लाख रुपये की जबरन वसूली का संदेश भी मिला था।

उत्तरी दिल्ली के डीसीपी मनोज कुमार मीणा ने कहा, "व्हाट्सएप नंबर यूएई स्थित डीयू टेलीकम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर का था और इसके मालिक के बारे में किसी भी इंडियन टेलीकम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर के पास कोई डिटेल उपलब्ध नहीं थी।" इसके बाद, जबरन वसूली संदेश के लिए इस्तेमाल किए गए व्हाट्सएप नंबर की डिटेल मांगने का अनुरोध मेटा को भेजा गया था। यह पाया गया कि अकाउंट एक मोबाइल फोन ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर पर सक्रिय था और इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (आईपीडीआर) से फर्जी आईडी पर जारी एक मोबाइल नंबर की पहचान की गई।

डीसीपी ने कहा कि नंबर को यूज करने वाला मध्य और पश्चिमी भारत में यात्रा करता पाया गया। मामले में जांच जारी रहने के दौरान ही अपराध शाखा ने दो नाबालिगों को पकड़ लिया, जो त्यागी के आवास पर गोलीबारी की घटना में शामिल थे। इसके बाद पुलिस टीम ने व्हाट्सएप यूजर की लोकेशन नोएडा में ढूंढी और जेपी अमन, सेक्टर 151, नोएडा निवासी नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में नरेंद्र ने खुलासा किया कि वह दुबई में भारतीय कामगारों को नौकरी दिलाने का कारोबार करता है और इस तरह वह दुबई के कुछ निवासियों के संपर्क में आया और उनमें से एक से उसने यूएई का नंबर हासिल किया था।

--आईएएनएस

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Created On :   21 Dec 2023 12:26 PM GMT

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