डीएनए टेस्ट पर टिकी सबकी निगाहें
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। 22 वर्षीय मां की लड़ाई का पहला दौर सफल होता दिख रहा है। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के निर्देश पर बनी चार सदस्यीय टीम लापता बच्चे को लेकर केरल पहुंच चुकी है। केरल स्टेट काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर (केएससीसीडब्ल्यूसी) के सामने धरने पर बैठी अनुपमा ने सोमवार को आंध्र प्रदेश से बच्चे के आने पर खुशी जताई। हालाँकि उसने अपना गुस्सा भी व्यक्त किया।
अनुपमा ने मीडिया से कहा कि हमें बिल्कुल भी लूप में नहीं रखा गया है और संबंधित अधिकारी हमें कुछ नहीं बता रहे हैं। अब मुझे डर है कि शायद डीएनए परीक्षणों में भी हेरफेर की जा सकती है क्योंकि दोनों एजेंसियों के अधिकारी मामलों के शीर्ष पर बैठे हैं। अब तक अधिकारियों तक पहुंचने के हमारे प्रयासों के बावजूद, हमें कोई सुराग नहीं मिला है। हम जानना चाहते हैं कि क्या डीएनए नमूने एक साथ लिए जाएंगे।
अनुपमा ने कहा कि हमें लगता है कि ये अधिकारी एक व्यक्तिगत बदला लेने में लगे हुए हैं। वे कहते कुछ और हैं और इकरते कुछ और हैं। हम धैर्य खो रहे हैं। आज तक हमारा विरोध बहुत संयमित रहा है। सोमवार सुबह योग्य पेशेवरों की एक टीम अधिकारियों के साथ बच्चे का नमूना लेने के लिए चाइल्ड केयर सेंटर पहुंची।
इस बीच अनुपमा ने आरोप लगाया है कि राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के कार्यालय में पूरे घटनाक्रम में गड़बड़ी की जा रही है। एसएफआई कार्यकर्ता अनुपमा, राज्य की राजधानी में सबसे शीर्ष माकपा नेताओं में से एक की पोती, और उनके पति अजीत ने इस संबंध में राज्य पुलिस प्रमुख और बाल कल्याण समिति से संपर्क किया था। दंपति के मीडिया से संपर्क करने के बाद ही चीजें उनके पक्ष में जाने लगीं। अब सभी की निगाह डीएनए के नतीजों पर है, जिसके बुधवार को सामने आने की उम्मीद है।
आईएएनएस
Created On :   22 Nov 2021 1:00 PM IST