सिक्के से परेशान बेस्ट वेतन में खपा रहा चिल्लर, हर महने जमा हो रहे 5 करोड़ के क्वाइन्स
डिजिटल डेस्क, मुंबई। यात्रियों की घटती संख्या को देखते हुए पिछले साल जुलाई महीने में मुंबई में चलने वाली बेस्ट बसों का न्यूनतम किराया घटाकर पांच रुपए कर दिया गया था। इस कदम से बेस्ट के यात्री को बढ़े, लेकिन उसके सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है। ज्यादातर यात्री चिल्लर देकर टिकट लेने लगे हैं। इसके चलते बेस्ट बस को हर महीने करीब पांच करोड़ रुपए के चिल्लर मिलने लगे हैं। किराया कम करने के बाद बेस्ट को मिलने वाले चिल्लर चार गुना तक बढ़ गए। इतनी भारी मात्रा में चिल्लर बैंक भी स्वीकार नहीं कर रहे हैं, इसलिए बेस्ट ने पिछले कुछ महीनों से अपने 32 हजार कर्मचारियों को वेतन का कुछ हिस्सा चिल्लर के रूप में देना शुरू कर दिया है।
फिलहाल बेस्ट अपने हर कर्मचारी को वेतन के 1500 रुपए चिल्लर के तौर पर देती है। इसके लिए कर्मचारियों को वेतन के समय कतार लगाकर खड़े होना पड़ता है। चिल्लर में कर्मचारियों को तीन थैले दिए जाते हैं हर थैले में एक रूपए, दो रुपए और पांच रुपए का सिक्का होता है। इसके अलावा 12 हजार रुपए 500 या उससे छोटे नोट के रुप में भी कर्मचारियों को दिया जाता है, जबकि बाकी का वेतन कर्मचारियों के बैंक खाते में डाले जाते हैं।
पिछले कुछ महीने से बेस्ट यह तरीका अपना रही है, लेकिन इससे ज्यादातर कर्मचारी नाराज हैं। उनका कहना है कि उन्हें पुराने तरीके से ही वेतन दिया जाना चाहिए जिसके तहत वेतन की सारी रकम कर्मचारियों के खाते में जमा कर दी जाती है और वे एटीएम की मदद से इसे जब चाहे निकाल सकते थे। बेस्ट समिति के सदस्य श्रीकांत कवठकर के मुताबिक बैंक में चिल्लर जमा करने में आ रही परेशानी के चलते कर्मचारियों को वेतन का कुछ हिस्सा चिल्लर के रुप में दिया जा रहा है।
Created On :   29 Sept 2020 7:47 PM IST