हाथरस की घटना भयानक, गवाहों की सुरक्षा की जानकारी दें : प्रधान न्यायाधीश
- हाथरस की घटना भयानक
- गवाहों की सुरक्षा की जानकारी दें : प्रधान न्यायाधीश
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हाथरस की घटना को भयानक, चौंकाने वाला और असाधारण करार दिया। शीर्ष न्यायालय ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से तीन पहलुओं पर एक हलफनामा मांगा है कि पीड़ित परिवार और गवाहों की रक्षा किस तरह की जा रही है। क्या इस मामले में परिवार ने अपनी सहायता के लिए वकील रखा है और इलाहाबाद उच्च न्यायालय की कार्यवाही का दायरा क्या है तथा वह इसका दायरा किस तरह बढ़ा सकता है।
प्रधान न्यायाधीश एस.ए.बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत सुनिश्चित करेगी कि मामले की जांच निर्विघ्न हो।
सीजीआई ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंग से कहा, यह घटना भयानक है, चौंकाने वाली है . हम इसीलिए आपको सुन रहे हैं, क्योंकि यह घटना असाधारण है।
इंदिरा जयसिंग ने मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में कई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 27 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। साथ ही उन्होंने गवाहों को सुरक्षा दिए जाने पर भी जोर दिया।
उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अदालतों के बाहर कई तरह की बातें कही जा रही हैं और केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच करके ही इन्हें खत्म किया जा सकता है। मेहता ने कहा कि पीड़ित परिवार को पहले से ही पुलिस सुरक्षा मिली हुई है। गवाहों की भी सुरक्षा की जा रही है।
मेहता ने कहा, तथ्यों की जानकारी के बिना अदालत में तर्क दिए जा रहे हैं।
मामले में शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार को तीन पहलुओं पर एक और हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। साथ ही सुनवाई को अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया है।
बता दें कि शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान की गई। इसमें याचिकाकर्ता ने हाथरस की घटना की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने की मांग की है। हाथरस के बुलगड़ी गांव में 19 वर्षीय दलित किशोरी के साथ कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। युवती की मौत 29 सितंबर को दिल्ली के सफदर जंग अस्पताल हो गई थी।
एसडीजे/एसजीके
Created On :   6 Oct 2020 4:01 PM IST