सार्वजनिक स्थलों को सुरक्षित बनाने में वहां मौजूद लोगों का हस्तक्षेप महत्वपूर्ण : ब्रेकथ्रू

Intervention of the people present in making public places safe: Breakthrough
सार्वजनिक स्थलों को सुरक्षित बनाने में वहां मौजूद लोगों का हस्तक्षेप महत्वपूर्ण : ब्रेकथ्रू
सार्वजनिक स्थलों को सुरक्षित बनाने में वहां मौजूद लोगों का हस्तक्षेप महत्वपूर्ण : ब्रेकथ्रू
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नई दिल्ली, 8 मार्च (आईएएनएस)। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव के खिलाफ काम करने वाली गैर-लाभकारी संस्था ब्रेकथ्रू के अनुसार, सार्वजनिक स्थलों पर लिंग-आधार हिंसा को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है कि वहां उपस्थित लोग इन मामलों में हस्तक्षेप करें।

कैब सेवा प्रदान करने वाले प्लेटफॉर्म उबर ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारत में अपना वैश्विक ड्राइविंग चेंज अभियान पेश किया है। इसके लिए उसने ब्रेकथ्रू के साथ साझेदारी की घोषणा की है।

इस साझेदारी के तहत ब्रेकथ्रू ने एक अभियान हैशटेग इग्नोर नो मोर लॉन्च किया है। यह अभियान जनता के हस्तक्षेप को प्रोत्साहित करता है और सार्वजनिक स्थानों पर लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए सामूहिक कार्रवाई का समर्थन करता है।

ब्रेकथ्रू की अध्यक्ष और सीईओ सोहिनी भट्टाचार्य ने आईएएनएस को बताया, आप एक सार्वजनिक बस में यात्रा कर रहे हैं या बस स्टॉप पर खड़े हैं, अगर आपके सामने हिंसा की घटना होती है, तो आप हस्तक्षेप करें। यह हस्तक्षेप करने का आपका अधिकार है। हमें यह सोचकर वापस नहीं जाना चाहिए कि आप इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं, आप कर सकते हैं और आपको हस्तक्षेप करना चाहिए।

भट्टाचार्य ने आगे कहा, इस बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम यही संदेश दे रहे हैं। हम 2020 में सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर मूकदर्शक बने रहने वालों के बारे में नहीं सुनना चाहते। बल्कि लोगों को जागरूक करना चाहते हैं कि वे ऐसी घटनाएं होने पर हस्तक्षेप करें और अपनी अहम भूमिका निभाएं।

इस अभियान का पहला चरण मार्च 2020 से दिसंबर 2020 तक 10 महीने का होगा। यह लोगों को उनकी भूमिका समझाने और सार्वजनिक स्थानों पर लिंग आधारित हिंसा को रोकने के लिए सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करने पर केंद्रित होगा।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के लगभग 3.78 लाख मामले सामने आए थे।

उन्होंने आगे कहा, हम नहीं चाहते कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उन्हें कुछ डिस्काउंट कूपन देकर या ऐसे ही तथाकथित विशेषाधिकार देकर मनाया जाए। हम लोगों से महिलाओं के प्रति वास्तव में ²ष्टिकोण बदलने के लिए कह रहे हैं।

भट्टाचार्य ने कहा, सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की निष्क्रियता और उदासीनता खतरनाक है। इससे समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा की संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है।

उन्होंने जोर देकर कहा, भारत में तमाशबीनों का हस्तक्षेप नया कॉन्सेप्ट है और यह जरूर कारगर होगा। यदि दिन-दहाड़े कोई बड़ी घटना हो रही है, जिसके 1000 लोग गवाह हैं और वे ऐसी घटना को रोकते हैं तो वाकई इससे बड़ा बदलाव आएगा।

उबर और ब्रेकथ्रू के बीच हुई इस सहभागिता पर उबर के भारत के सेंट्रल ऑपरेशंस के प्रमुख पवन वैश्य ने कहा, हम ब्रेकथ्रू जैसे साहसी, वैचारिक संगठन के साथ जुड़कर खुश हैं। हम इनसे सलाह लेते रहेंगे कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए और उनके खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए और क्या कर सकते हैं।

Created On :   8 March 2020 2:00 PM IST

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