मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को राजीव हत्याकांड के दोषी नलिनी की याचिका पर जवाब देने का दिया निर्देश

Madras High Court directs Tamil Nadu government to respond to the petition of Rajiv assassination convict Nalini
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को राजीव हत्याकांड के दोषी नलिनी की याचिका पर जवाब देने का दिया निर्देश
याचिका मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को राजीव हत्याकांड के दोषी नलिनी की याचिका पर जवाब देने का दिया निर्देश

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार को राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एस नलिनी द्वारा राज्यपाल की अनुमति के बिना उसे जेल से रिहा करने के लिए दायर रिट याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया। अपनी याचिका में, नलिनी ने अदालत से अनुरोध किया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में सभी जीवित दोषियों के पक्ष में 9 सितंबर, 2018 को राज्य कैबिनेट द्वारा की गई सिफारिश पर कार्रवाई करके उसे असंवैधानिक घोषित करने के लिए राज्यपाल की विफलता करार दे।

नलिनी की ओर से पेश अधिवक्ता एम. राधाकृष्णन ने तर्क दिया कि राज्यपाल राज्य मंत्रिमंडल के निर्देश के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य हैं, न कि इसके विपरीत। मद्रास हाईकोर्ट की पहली पीठ में मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति पी.डी. आदिकेस्वलु ने राज्य सरकार को दशहरा की छुट्टियों के बाद जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

नलिनी ने अपने वकील के माध्यम से दायर एक हलफनामे में राज्य सरकार को राज्यपाल की मंजूरी का इंतजार किए बिना उसे रिहा करने का निर्देश देने की मांग की है। अपनी याचिका में, नलिनी ने कहा कि उसे मूल रूप से 28 जनवरी, 1998 को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, और सुप्रीम कोर्ट ने भी 11 मई, 1999 को मौत की सजा की पुष्टि की थी। उसने कहा कि उसकी मौत की सजा को बदल दिया गया था।

अनुच्छेद 161 के तहत आजीवन कारावास की सजा जो राज्यपाल को सजा को निलंबित करने, हटाने या कम करने की शक्ति देती है। उसने कहा कि उसकी मौत की सजा को 24 अप्रैल, 2000 को उम्रकैद की सजा में बदल दिया गया था। उसने तर्क दिया कि लगभग 3,800 दोषियों, जिन्होंने दस साल की जेल की सजा काट ली थी, उन्हें उनके अच्छे आचरण के लिए अनुच्छेद 161 के तहत वर्षो की सेवा के बाद रिहा कर दिया गया था और कहा कि वह 2001 में ही इस तरह की समयपूर्व रिहाई के लिए योग्य हो गई थी।

उसने कहा कि अभियोजन पक्ष ने तब तर्क दिया था कि उसका मामला सीबीआई जांच के तहत था। राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि उसे 10 सितंबर, 2018 को रिहा किया जाना चाहिए था, क्योंकि मंत्रिपरिषद ने 9 सितंबर, 2018 को हुई कैबिनेट बैठक में उसे रिहा करने की सिफारिश की थी। उसने कहा कि राज्यपाल को अभी इस मामले में फैसला लेना था।

याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि उसकी दो पूर्व याचिकाएं, एक राज्य कैबिनेट के फैसले को लागू करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग कर रही थी और दूसरी राज्यपाल के लिए सिफारिश पर प्रतिहस्ताक्षर करने के लिए 20 अगस्त, 2019 को खारिज कर दिया गया था।

नलिनी ने अपनी याचिका में कहा कि उसने मद्रास उच्च न्यायालय में तीसरी याचिका दायर कर यह घोषणा पत्र मांगा है कि सिफारिश के अनुसार कार्य करने में राज्यपाल की विफलता असंवैधानिक थी।

आईएएनएस

Created On :   1 Oct 2021 5:00 PM IST

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