पत्नी, बच्चों की हत्या करने और खुद की मौत का झांसा देने वाला गिरफ्तार

Man arrested for killing wife, children and pretending to kill himself
पत्नी, बच्चों की हत्या करने और खुद की मौत का झांसा देने वाला गिरफ्तार
Arrested पत्नी, बच्चों की हत्या करने और खुद की मौत का झांसा देने वाला गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, कासगंज। कासगंज पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले का खुलासा करने का दावा किया है। इस अजीबोगरीब मामले में 2018 में अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसे मृत माना जा रहा है। कथित आरोपी ने उनकी लाशों को अपने घर में दफना दिया और फिर भीषण अपराध से बचने के लिए खुद की मौत का नाटक किया।

पुलिस के अनुसार, ग्रेटर नोएडा में एक निजी प्रयोगशाला में 2018 में पैथोलॉजिस्ट के रूप में काम करने वाले 34 वर्षीय राकेश ने एक महिला के साथ प्रेम प्रसंग को लेकर हत्याओं को अंजाम दिया। आरोपी, उसके परिवार के तीन सदस्यों और महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस ने कहा कि आरोपी के परिवार ने अपराध के कई चरणों में उसकी मदद की। उनके पिता एक सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी हैं। कासगंज पुलिस प्रमुख रोहन प्रमोद बोत्रे ने कहा, राकेश के दो बच्चों की उम्र 18 महीने और तीन साल थी। उसने फरवरी 2018 में उनकी और उनकी पत्नी की हत्या कर दी और फिर शवों को घर में दफना दिया और गड्ढे को सीमेंट से ढक दिया।

हत्या के बाद, उसने गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई, जिसमें दावा किया गया कि उसकी पत्नी उसके बच्चों को ले गई है और बिना किसी सूचना के घर से निकल गई है। बोत्रे ने कहा कि उनके परिवार के लापता होने के कुछ महीने बाद राकेश के ससुर ने अदालत में जाकर अपहरण और दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए नोएडा में एक पुलिस मामला दर्ज कराया।

नोएडा पुलिस लापता व्यक्ति के मामले और ससुर द्वारा दर्ज मामले दोनों की जांच कर रही थी, लेकिन किसी भी मामले में कोई बड़ा सुराग नहीं मिला। कासगंज पुलिस प्रमुख ने कहा, उसी वर्ष उसने और उसकी प्रेमिका ने कासगंज में अपने गांव के एक अन्य व्यक्ति की हत्या कर दी, जो आरोपी से मिलता-जुलता था।

उन्होंने कहा, उन्होंने उसका सिर काट दिया और उसके हाथ काट दिए गए, और उसके सिर और हाथों को जला दिया। राकेश ने फिर लाश को अपने कपड़े पहनाए और शरीर पर अपना पहचान पत्र भी छोड़ दिया ताकि यह साबित हो सके कि यह उसका शरीर था। इस सिर विहीन लाश पर किए गए डीएनए टेस्ट से साबित हो गया कि शव राकेश का नहीं था और पुलिस ने जांच जारी रखी।

सबूतों के निशान के बाद पुलिस राकेश तक पहुंची, जो दिलीप शर्मा नाम से हरियाणा में रह रहा था और उसने अपने नियोक्ताओं को बताया था कि वह पूर्वी यूपी के कुशीनगर जिले से है। कासगंज पुलिस ने कहा कि क्योंकि वह एक पैथोलॉजिस्ट था, वह जानता था कि किसी भी संभावित उंगलियों के निशान सहित सबूतों को कैसे नष्ट किया जाए।

आईएएनएस

Created On :   2 Sept 2021 5:00 PM IST

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