बच्ची की हत्या के आरोप में मां और उसके प्रेमी को मौत की सजा
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की पुरुलिया जिला एवं सत्र अदालत ने साढ़े तीन साल की बच्ची की हत्या का मुकदमा पांच साल चलने के बाद मां मंगला और उसके प्रेमी सनातन ठाकुर को बच्ची के शरीर में सात सुइयों से छेदकर मारने के दोषी करार दिया। न्यायाधीश रमेश कुमार प्रधान ने इसे हत्या का दुर्लभ से दुर्लभ मामला बताते हुए दोनों को मौत की सजा सुनाई।
घटना पुरुलिया के मोफोसोल थाना क्षेत्र के नदियापारा गांव की है। जुलाई 2016 में बच्ची को खांसी-जुकाम होने पर पुरुलिया के देबेन महतो सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्ची की जांच करने पर डॉक्टरों को पता चला कि उसके गुप्तांगों सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों को सुइयों से छेद दिया गया है। बच्ची को तुरंत एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
जांच से पता चला कि सनातन जो एक ओझा था, बच्ची को सेक्स टॉय के रूप में इस्तेमाल करता था और उस पर काला जादू करता था। मंगला को बच्ची पसंद नहीं थी, वह अपने पति को छोड़कर लड़की के साथ सनातन के पास रहने लगी। उसने काला जादू करने में सनातन की मदद की। बच्ची की मौत के बाद मंगला और सनातन उत्तर प्रदेश भाग गए थे, जहां से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
सजा सुनाते हुए जज ने कहा कि मां की गोद बच्चे के लिए सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है, लेकिन यहां मांhenat बच्ची की रक्षा करने में नाकाम रही है। उसकी सहमति से बच्ची का यौन शोषण भी किया गया, इसलिए यह अनुकरणीय दंड की पात्र है।
सनातन पर बच्चे के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए 2012 की पॉक्सो अधिनियम की धारा 37, धारा 327 के तहत दुष्कर्म और हत्या के लिए आईपीसी की धारा 302 और हत्या के प्रयास के लिए धारा 306 के तहत आरोप लगाया गया था।
आईएएनएस
Created On :   21 Sept 2021 11:00 PM IST