निजीकरण के विरोध में डाक विभाग के कर्मियों ने की हड़ताल
डिजिटल डेस्क, वर्धा. ऑल इंडिया पोस्टल एम्प्लॉइज यूनियन व नैशनल यूनियन ऑफ पोस्टल एम्प्लॉइज वर्धा विभाग शाखा ने बुधवार 10 अगस्त को डाकघर के सामने विविध मांगों को लेकर एक दिवसीय देशव्यपी हड़ताल की। ऑल इंडिया पोस्टल एम्प्लॉइज यूनियन का कहना है कि सरकारी सेवाओं का निजीकरण करने का बीड़ा सरकार ने उठाया है। रेलवेे व रक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर निजीकरण शुरू है। इस समय बुनियादी सुविधाओं में आनेवाले डाकसेवा काे भी निजीकरण नीति में लाया जा रहा है। 2014 को अच्छे दिन इस नारे के साथ सत्ता पर आए सरकार ने किसानों और मजदूरों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सरकार द्वारा उद्योजक, कॉरपोरेट सेक्टर का विकास किया जा रहा है,परंतु रोजगार महंगाई, मजदूर व सामान्य जनता की अनदेखी की जा रही है। देश के सार्वजनिक में व अन्य कामगार व मजदूरों को निजीकरण किए जाने का डर सताने लगा है। मजदूर कानून में बदलाव लाने से मजदूरों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा को खतरा निर्माण हुआ है। डाक सेवा को भ्रामक तौर पर दिवालिया घोषित कर कर्मचारियों को असंभव लक्ष्य देकर उनका शोषण किया जा रहा है। जिसके कारण डाकघर के कर्मचारियों को शारीरिक और मानसिक समस्या से जूझना पड़ रहा है।
इसलिए ऑल इंडिया पोस्टल एम्प्लॉइज यूनियन व नैशनल यूनियन ऑफ पोस्टल एम्प्लॉइज वर्धा विभाग शाखा ने विविध मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल की। जिसमें डाक मित्र योजना और कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा डाक सेवा का निजिकरण करना इसके साथ बचत बैंक योजना पीओएसबी का आईपीपीबी विलनीकरण का प्रस्ताव रद्द करना, नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना लागू करना, नोडल डिलीवरी सेंटर बंद करना, ट्रेड यूनियन पर हल्ले को रोकना जैसी विविध मांगे शामिल है।
इस दौरान एआईपीयू अध्यक्ष कॉमरेड पी.एस. कारवडकर, सचिव कॉमरेड जी.आई. उईके, खजीनादार कॉमरेड ए.एस. अवचट, उपाध्यक्ष कॉमरेड राम दरणे, सचिव अंबादास पोहाणे, पी.वी. शिंदे, आर.एम. शेडमाके, नीलेश खवशी समेत संगठन के पदाधिकारी और कार्याकर्ता उपस्थित थे।
Created On :   11 Aug 2022 6:29 PM IST