सुशांत की डायरी के कुछ पन्ने हत्यारे की ओर इशारा कर सकते हैं : सुशांत के वकील (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के पीछे का रहस्य हर गुजरते दिन के साथ संदेहास्पद होता जा रहा है। इस बीच दिवंगत अभिनेता के परिजनों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने संकेत दिया है कि सुशांत की व्यक्तिगत डायरी के अंतिम कुछ पन्ने महत्वपूर्ण हो सकते हैं और इनसे यह संकेत मिल सकता है कि उनकी मृत्यु के पीछे कौन हो सकता है।
पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने आईएएनएस से विशेष रूप से बात करते हुए कहा, मेरे अनुसार, वह डायरी बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि जो उनके दिमाग में है, अगर वह उसके बारे में रोजाना लिख रहे थे और उन्होंने आत्महत्या कर ली है, तो कुछ तो होना चाहिए कि उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया। या फिर अगर यह एक हत्या थी, तो इस बारे में भी कुछ होना चाहिए कि उनके जीवन को किस से खतरा था।
सिंह ने कहा, मुझे उम्मीद है कि जांच एजेंसी पिछले कुछ पन्नों को फिर से हासिल करने में सक्षम है, क्योंकि इससे बहुत सी चीजें उजागर हो सकती हैं।
सुशांत की मौत का मामला गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो के पास पहुंचा और अब अधिकार क्षेत्र जैसा मुद्दा भी नहीं रहा। इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि अब मामला केंद्रीय जांच एजेंसी के पास है और यह भारत भर से किसी भी मामले की जांच कर सकती है।
सिंह ने कहा, न्यायिक क्षेत्र का इस्तेमाल मुंबई पुलिस द्वारा सिर्फ बहाने के रूप में किया गया, ताकि मामले की जांच के लिए पटना पुलिस को सहायता न दी जा सके। कानून अच्छी तरह से व्यवस्थित है और इस तरह की सहायता प्रदान करने के लिए कानून में प्रावधान है।
वकील ने कहा, कोई अधिकार क्षेत्र का मुद्दा नहीं था और कोई अधिकार क्षेत्र का मुद्दा नहीं होगा। मेरे अनुसार, पटना का अधिकार क्षेत्र था, जहां अपराध के परिणामों को महसूस किया गया था। पटना के लिए सीआरपीसी की धारा 179 के तहत अधिकार क्षेत्र है, क्योंकि उनके पिता पटना में रह रहे हैं। इसके साथ ही 406 आईपीसी मामला रिया के खिलाफ है और संपत्ति के कानूनी वारिस सुशांत के पिता हैं, इसलिए पटना के लिए स्पष्ट रूप से अधिकार क्षेत्र था।
यह पूछे जाने पर कि क्या सुशांत को मारने की साजिश थी और क्या मुंबई पुलिस अपराध की व्यापकता को कम कर रही है, इस पर वकील ने कहा, हमारे लिए यह स्पष्ट रूप से कहना संभव नहीं है, क्योंकि परिवार का कोई भी सदस्य उनके साथ नहीं रह रहा था। लेकिन सार्वजनिक तौर पर जो बाहर आ रहा है, वह काफी चौंकाने वाला है और इसी कारण वास्तव में हम चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, हमारे पास हत्या के बारे में कोई प्रत्यक्ष जानकारी नहीं है, इसीलिए हम इसे अपनी प्राथमिकी में नहीं रख सकते थे, लेकिन हमने आत्महत्या के लिए कथित रूप से उकसाने को इसमें रखा, क्योंकि अगर हम यह मान भी लें कि यह आत्महत्या थी, जैसा कि मुंबई पुलिस ने कहा है, तो यह निश्चित रूप से यह आत्महत्या के लिए उकसाने वाली घटना है।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि जब सीबीआई मामले की जांच शुरू करेगी तो सच सामने आएगा।
पूर्व एएसजी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, क्योंकि अब अपराध स्थल व पोस्टमार्टम के दौरान से ली गई तस्वीरों और कॉल डिटेल रिकॉर्डस (सीडीआर) भौतिक (फिजिकल) साक्ष्य के अभाव में सबूतों की श्रृंखला बनाने में सहायक होंगे। सिंह ने कहा, सही निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए यह सब महत्वपूर्ण और आवश्यक होगा।
उन्होंने कहा, इस जांच में समस्या यह है कि शुरूआती दिनों में जो कुछ खो गया है, वह जांच को प्रभावित करेगा। लेकिन मुझे यकीन है कि सीबीआई जैसी पेशेवर एजेंसी अभी भी सच्चाई को उजागर करने में सक्षम होगी। उन्होंने कहा।
कुछ कॉल डिटेल रिकॉर्डस, जो सार्वजनिक तौर सामने आए हैं, जिसमें बताया गया है कि सुशांत सिंह राजपूत और उनकी लिव-इन गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के बीच आठ जून से 14 जून के बीच एक भी कॉल नहीं हुई।
यह पूछे जाने पर कि श्रुति मोदी कौन हैं और मामले में उनकी क्या भागीदारी है, वरिष्ठ वकील ने आईएएनएस को बताया कि हालांकि उन्हें यकीन नहीं है, लेकिन उक्त महिला रिया चक्रवर्ती द्वारा दिवंगत अभिनेता के घर पर रखे गए स्टाफ सदस्यों में से एक थी।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि श्रुति रिया चक्रवर्ती द्वारा सुशांत के घर पर रखे गए स्टाफ सदस्यों में से एक थी।
सीबीआई ने अपनी एफआईआर में रिया, उनके पिता इंद्रजीत चक्रवर्ती, मां संध्या चक्रवर्ती, भाई शोविक, सुशांत के घर के मैनेजर सैमुअल मिरांडा, श्रुति मोदी और अन्य के नाम जोड़े हैं। इन पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें आत्महत्या के लिए उकसाना, आपराधिक साजिश जैसे आरोप हैं।
Created On :   7 Aug 2020 6:00 PM IST