34.90 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के शख्स को चार साल की सजा
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। चेन्नई की सीबीआई की विशेष अदालत ने 34.99 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में एक व्यक्ति को चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने हारून रशीद को 6 लाख रुपये की राशि जुर्माने के रूप में देने का भी निर्देश दिया है, जुर्माना नहीं देने पर उसे दो महीने के कारावास की सजा भुगतनी होगी।
रशीद को 21 मार्च, 2018 को दो फर्जी नामों से 12 फरवरी, 2014 से 29 नवंबर, 2014 के बीच विभिन्न बैंकों में रखे गए चार चालू खातों के माध्यम से 5.41 करोड़ रुपये की लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा कि इन खातों का उपयोग कर उन्होंने विभिन्न देशों में 34.99 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए, जो पूरी तरह से मनी लॉन्ड्रिंग था।
उन्होंने घरेलू टैरिफ क्षेत्र (डीटीए) में संबंधित आयात किए बिना स्वीकार्य व्यापारिक आयात भुगतान के रूप में राशि का अनुमान लगाया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि वह जाली पहचान दस्तावेजों और बिल ऑफ एंट्री जैसे आयात दस्तावेजों को असली दस्तावेजों के रूप में इस्तेमाल कर रहा था।
जांच के दौरान, जांच एजेंसी ने रशीद को एक ऐसे गिरोह का हिस्सा भी पाया, जो अनुमेय व्यापारिक आयात की आड़ में अपराध की आय भेजने के मामले में पूरी गुमनामी के साथ काम करता था। वह जाली आयात दस्तावेजों का उपयोग करके डीटीए में संबंधित आयात किए बिना ऐसा कर रहा था।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत तमिलनाडु में एक मामले में यह तीसरी सजा थी। देश में पीएमएलए के 10 मामलों में सजा दी गई, जिनमें से तीन के लिए राज्य जिम्मेदार है। जांच अधिकारी एम. राजा शेखर और संयुक्त निदेशक पी. मानिक्कावेल के नेतृत्व में सीबीआई की विशेष टीम ने तीनों मामलों की जांच की और आरोपी को दोषी करार दिया।
आईएएनएस
Created On :   18 Feb 2022 6:31 PM IST