उप्र : मैनपुरी छात्रा की मौत पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
लखनऊ, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। मैनपुरी नवोदय विद्यालय की छात्रा मौत पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने सवाल उठाया कि इस मामले में सरकार आखिर किसे बचाना चाहती है?
आराधना ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि छात्रा के परिवार ने हत्या की आशंका जताई, पर प्रशासन इसे आत्महत्या बताते हुए मामले को दबाने की कोशिश करता रहा। आखिर सरकार किसे बचाना चाहती है? क्या सरकार इतनी संवेदनहीन हो गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का हाल बहुत बुरा है। प्रशासन हत्या व दुष्कर्म की घटनाओं को लगातार दबाने का प्रयास कर रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी को इस पर जब पत्र लिखा, तब उन्हें घटना की याद आई।
मिश्रा ने कहा कि सिर्फ मैनपुरी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हटाने से काम नहीं चलेगा, सरकार को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में जहां छात्रावास हैं, वहां ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। सरकार बताए कि इन घटनाओं को लेकर सुरक्षा के क्या प्रबंध किए गए हैं?
उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2013 में चार्जशीट दाखिल करने का प्रतिशत 95़ 5 था, जो 2017 में घटकर 86़ 4 प्रतिशत रह गया। यदि सरकार द्वारा चार्जशीट समय से दाखिल नहीं होगी तो न्यायालय किस आधार पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा और यह एक प्रकार से सरकार द्वारा अपराधियों को संरक्षण देना है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्नाव दुष्कर्म कांड में सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे को 45 दिनों में निस्तारित करने की अधिकतम समय-सीमा तय कर रखी है, जबकि सरकार इसका खुला उल्लंघन कर रही है।
प्रियंका गांधी के पत्र पर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवेचना में हुए विलंब को गंभीरता से लिया है। मामले की जांच के लिए कानपुर रेंज के आईजी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। इसमें मैनपुरी के नए एसपी अजय कुमार और एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक श्यामाकांत को शामिल किया गया है।
Created On :   4 Dec 2019 9:00 PM IST