यूपी पुलिस आपात स्थिति में सीपीआर देने का प्रशिक्षण लेगी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस कर्मियों को अब कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) में प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे संकट के समय समय पर लोगों की जान बचा सकें। उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल, ने आईकेयर (कार्डियक अरेस्ट रिससिटेशन फॉर एवरीवन), मुंबई द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ आदित्य कपूर और प्रमुख के साथ भाग लिया।
केजीएमयू में कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ सुधांशु द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि पहले उत्तरदाताओं के रूप में, पुलिसकर्मियों को कार्डियक अरेस्ट के खतरों से अच्छी तरह वाकिफ होना चाहिए और सीपीआर में प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए। इससे कई लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा कि प्राथमिक चिकित्सा प्रक्रियाओं को सीखकर, पुलिस कर्मी अस्पताल के बाहर, अचानक हृदय गति रुकने की स्थिति में नागरिकों की मदद कर सकते हैं। सीपीआर प्रशिक्षण के जोन और रेंज स्तरों को बढ़ाया जाएगा और इसमें सार्वजनिक भागीदारी भी शामिल होगी। डॉ आदित्य कपूर ने कहा कि हर साल देश में लगभग 20 लाख लोग घर पर या सार्वजनिक स्थानों पर अचानक मर जाते हैं, जिसे चिकित्सकीय रूप से सडन कार्डियक अरेस्ट (एससीए) के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि हालांकि एससीए से पीड़ित लोगों को दर्शकों द्वारा बचाया जा सकता है, वे अक्सर शून्य जन जागरूकता और ऐसी आपात स्थिति से निपटने के बारे में जानकारी ना होने के कारण जीवित नहीं रहते हैं। दर्शकों द्वारा जीवन रक्षक उपायों को शुरू करने में देरी से बचने की संभावना 10 प्रतिशत कम हो जाती है।
डॉ सुधांशु द्विवेदी ने कहा कि दुनिया भर में, पुलिस कर्मियों को बाईस्टैंडर पुनर्जीवन के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, क्योंकि वे हर समय जनता के करीब रहते है और तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए सबसे उपयुक्त है।
आईएएनएस
Created On :   28 Sept 2021 4:00 PM IST