गंभीर अपराध के आरोपियों को नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत

UP: Those accused of serious crime will not get anticipatory bail
गंभीर अपराध के आरोपियों को नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत
यूपी गंभीर अपराध के आरोपियों को नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। एक बड़े घटनाक्रम में, बच्चों और महिलाओं के यौन उत्पीड़न समेत गंभीर अपराधों के आरोपी अपराधियों को अब उत्तर प्रदेश की अदालतों से अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस संबंध में राज्य विधानसभा में मौजूदा विधेयक में संशोधन पेश किया है।

प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, यौन उत्पीड़न से संबंधित अपराधों के अलावा, गैंगस्टर एक्ट, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट, ऑफिशियल सीकेट्र्स एक्ट और मृत्युदंड का प्रावधान रखने वाले अभियुक्तों को अदालतों से अंतरिम राहत के रूप में अग्रिम जमानत नहीं लेने देंगे।

प्रस्ताव के अनुसार, इस संशोधन का उद्देश्य अग्रिम जमानत के प्रावधान के संबंध में सीआरपीसी की धारा 438 में संशोधन करना है ताकि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न से संबंधित अपराध करने वालों को अग्रिम जमानत मिलने से रोका जा सके। ऐसा अपराधों के आरोपियों को सबूतों से छेड़छाड़ करने या उन्हें नष्ट करने या पीड़ितों को डराने-धमकाने से रोकने के लिए किया गया है।

प्रस्ताव के उद्देश्य में कहा गया है कि यह महिलाओं, लड़कियों और बच्चों के खिलाफ अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुसरण में, जैविक साक्ष्य एकत्र करने, सबूतों को नष्ट होने से रोकने और पीड़ित या प्रत्यक्षदर्शियों को डराने-धमकाने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 438 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है।

यदि संशोधन किया जाता है तो यह यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोस्को) अधिनियम, 2012 और बलात्कार की सभी धाराओं पर भी लागू होगा।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   23 Sep 2022 7:00 AM GMT

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