भ्रष्टाचार: 42 दिन से फरार सहायक आयुक्त को किसका संरक्षण, एफआईआर के बाद भी अब तक निलंबन नहीं

42 दिन से फरार सहायक आयुक्त को किसका संरक्षण, एफआईआर के बाद भी अब तक निलंबन नहीं
  • 2.59 करोड़ के गबन के मामले में डिण्डोरी कलेक्टर ने दर्ज कराई है एफआईआर
  • डिंडोरी एसपी ने फरार घोषित करते हुए उन पर 10 हजार का ईनाम भी रखा
  • डिंडोरी पुलिस उनकी तलाश में जुटी है और भोपाल तक दबिश दी जा चुकी है

डिजिटल डेस्क, सिवनी। राज्य छात्रवृत्ति योजना की राशि में 2 करोड़ 59 लाख रुपए के गबन के मामले में डिंडोरी पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद से फरार जनजाति कार्य विभाग सिवनी के तत्कालीन सहायक आयुक्त डॉ. अमर सिंह उइके का 42 दिन बाद भी अता-पता नहीं है। डिंडोरी पुलिस उनकी तलाश में जुटी है और भोपाल तक में दबिश दी जा चुकी है। डिंडोरी एसपी ने फरार घोषित करते हुए उन पर 10 हजार का ईनाम भी रखा है, वहीं पुलिस उनकी स्थाई संपत्तियों की पतासाजी में भी जुटी है। पुलिस तो उइके की गिरफ्तारी के प्रयासों में लगी है, लेकिन सिवनी कलेक्टर क्षितिज सिंघल के साथ ही विभाग स्तर पर उनके खिलाफ 2 करोड़ 59 लाख रुपए के गबन के मामले में डिण्डोरी की कोतवाली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने की जानकारी भोपाल भेजे जाने के बावजूद उइके को अब तक निलंबित न किए जाने से भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अधिकारियों-कर्मचारियों को छोटी-छोटी बातों पर तत्काल निलंबित कर दिया जाता है, लेकिन यहां जांच में गबन पाए जाने व एफआईआर होने के पश्चात भी 42 दिन में फरार सहायक आयुक्त को आयुक्त जनजातिय कार्य विभाग ने निलंबित नहीं किया है। सूत्रों की मानें तो भोपाल में विभागीय स्तर पर मिलीभगत व राजनीतिक संरक्षण के चलते निलंबन आदेश जारी कर अब तक सिवनी नहीं भेजा गया है।

क्या है मामला?

डिंडोरी में पदस्थ रहने के दौरान डॉ. उइके के द्वारा व्यापक स्तर पर वित्तीय अनियमिमता किया जाना पाई गई। इसके बाद डॉ. उइके का सिवनी स्थानांतरण कर दिया गया। आयुक्त जनजातिय कार्य विभाग ने जांच के लिए पिछले साल 1 मई 23 को राज्य स्तरीय जांच दल का गठन किया था। राज्य स्तरीय जांच दल ने जांच में पाया कि विभिन्न बैंक के सात खातों से नियम विरुद्ध फर्जी तरीके से आहरण भुगतान किया गया। स्कॉलरशिप वितरण हेतु खोले गए खातों से समस्त राशि का आहरण कर खाते का शेष शून्य कर दिया गया। उक्त बैंक खातों की कैशबुक शाखा प्रभारियों द्वारा संधारित नहीं की गई। कार्यालय में कैशबुक और स्टॉक पंजी भी नहीं पाई गईं। राज्य छात्रवृत्ति योजना राशि 11 लाख 76 हजार रुपए, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना राशि 7 लाख 52 हजार 872 रुपए, अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति राशि 64 लाख 13 हजार 992 रुपए, रेडक्रास मद की राशि 18 लाख 15 हजार 363 रुपए, क्रीड़ा मद की राशि 42 लाख 88 हजार 862 रुपए, स्काउट एवं गाइड मद की राशि 5 लाख 79 हजार 600 रुपए जो कि कुल 2 करोड़ 59 लाख 97 हजार 577 रुपए होते हैं, का भुगतान /आहरण उचित प्रक्रिया का पालन न करते हुए किया जाना पाया गया।

हाईकोर्ट से लग चुका झटका

एफआईआर दर्ज होने के बाद सिवनी स्थित दफ्तर से गायब हुए डॉ. उइके ने अग्रिम जमानत के लिए जबलपुर हाईकोर्ट की एकल बैंच में याचिका भी दायर की थी। हालांकि 11 मार्च को सुनवाई में हाईकोर्ट से याचिका निरस्त कर दी गई थी। 21 फरवरी को डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा के निर्देश पर डिण्डोरी के सहायक आयुक्त जनजातिय कार्य विभाग ने डिण्डोरी के कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने धारा 420, 409, 34 के तहत 2 करोड़ 59 लाख 97 हजार 577 रुपए के गबन का मामला दर्ज किया और डॉ. उइके की तलाश में जुटी है।

इनका कहना है-

'डॉ. अमर सिंह उइके को निलंबित किए जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में भोपाल से कोई आदेश भी प्राप्त नहीं हुआ है।'

- एसआर मरावी, प्रभारी सहायक आयुक्त, जनजातिय कार्य विभाग, सिवनी

'एफआईआर दर्ज होने के बाद से फरार सहायक आयुक्त की तलाश की जा रही है। भोपाल जाकर भी उनकी खोजबीन की गई। 10 हजार का ईनाम घोषित किया गया है। उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी। इस संबंध में डिण्डोरी के सभी तहसीलदारों को संपत्ति की जानकारी देने के लिए पत्र लिखा गया है।'

- अनुराग जामदार, टीआई, कोतवाली थाना, डिण्डोरी

Created On :   2 April 2024 5:41 PM GMT

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