गोविंद द्वादशी : इस दिन बना भगवान विष्णु आैर शिव पूजा का विशेष संयाेग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोविंद द्वादशी इस वर्ष 27 फरवरी मंगलवार 2018 को है। इसी दिन व्रत प्रदोष व्रत भी है। जिसकी वजह से एक बार फिर यह दिन विशेष कार्यों के लिए शुभ बताया जा रहा है। गोविंद द्वादशी पर बने दोहरे संयोग के दिन भगवान विष्णु और शिव का पूजन उत्तम व फलदायी होगा। दाेनों ही व्रतों काे धारण करने की विधि अलग-अलग है।
इन कार्याें के लिए उत्तम
गोविंद द्वादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, जबकि प्रदोष व्रत भगवान शिव को। यह व्रत कलियुग में समस्त पापों को नाश करने वाला बताया गया है। सुख, वैभव, धन देने के साथ ही दान, पितृ तर्पण और हवन आदि के लिए भी यह दिन अत्यंत ही उत्तम माना गया है।
दूर करता है सभी राेग
यह व्रत समस्त रोगों का अंत करने वाला भी बताया गया है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत धारण करने से मनुष्य मानसिक एक शारीरिक रूप से स्वस्थ्य होता है। विधि-विधान से विष्णु पूजन समस्त दुखों को हर लेता है। ठीक इसी प्रकार प्रदोष का व्रत मोक्ष का मार्ग खोलता है।
करें इन मंत्रों का जाप
-ॐ नमो नारायणाय नम: का जाप करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होगी।
-ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करेगा।
विधि-विधान से करें पूजा
प्रात: काल ब्रम्हमुहूर्त में स्नान करें। इसके पश्चात श्रीहरि का नाम लेकर व्रत प्रारंभ करें। पूरे दिन व्रत धारण करने के बाद विधि-विधान से लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें। विष्णु मंत्र का जाप करें। हाथ जोड़कर उनके समक्ष खड़े रहें। अनेक स्थानों पर इस दिन हरि के गोविंद स्वरूप अर्थात भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का भी विधान है। व्रत पूजन के पश्चात भगवान विष्णु के समक्ष पूरे परिवार के लिए कल्याण धर्म एवं मोक्ष की कामना करना चाहिए। व्रत के संबंध में विशेषज्ञ से भी आवश्यकतानुसार मार्गदर्शन लिया जा सकता है।
Created On :   31 Jan 2018 9:02 AM IST