सूर्यग्रहणः इस काल में कर रहें पढ़ाई तो पहले जान लें ये सच

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जब सूर्यग्रहण लगता है तो सूर्य और पृथ्वी केबीच चंद्रमा आ जाता है। इस बार साल का पहला सूर्य ग्रहण और 15 दिनों के अंतराल पर दूसरा ग्रहण पड़ने जा रहा है। ये घड़ी भी खगोल शास्त्र में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से अनेक ऐसे कार्य हैं जो के दौरान नही करना चाहिए।
यहां हम आपको कुछ ऐसी ही सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं। इस बार यह 15 फरवरी की रात से प्रारंभ होकर 16 फरवरी की सुबह तक होगा, हालांकि भारत में नजर ना आने के बाद भी इसका असर विभिन्न जातकों पर महसूस किया जाएगा। इस बार साल 2018 में तीन सूर्यग्रहण देखने मिलेंगे। हालांकि यह आंशिक ग्रहण होंगे।
इस दौरान यदि आप पढ़ाई कर रहे हैं तो बीच में पढ़ाई ना रोकें इसे लगातार करते रहें। ग्रहणकाल के प्रारंभ से मोक्षकाल के बाद तक। किसी भी तरह की खाने-पीने की वस्तु का सेवन ना करें। ग्रहणकाल में इसे उर्पयुक्त नही माना गया है। मान्यता है कि इस दौरान खाने-पीने से इसका दुष्प्रभाव सेहत पर स्पष्ट रूप से देखने मिलता है।
खानें की वस्तुओं में तुलसी की पत्ती डालकर रखें। ऐसा करना उर्पयुक्त होता है। इसे वैज्ञानिक दृष्टि से भी सही माना गया है। तरह पदार्थों में विशेष रूप से। पानी, दूध आदि में आप तुलसी पात्र डालना भूल गए हैं तो फिर उसका उपयोग ना करें। ऐसी मान्यता है कि ग्रहणकाल में ये खराब हो जाता है।
ग्रहणकाल में मंदिर के द्वार बंद रखें, मूर्ति को स्पर्श ना करें। मोक्षकाल के उपरांत मूर्ति को गंगाजल या किसी पवित्र नदी के जल से स्नान कराएं।इसके बाद ही विधि-विधान से पूजा करें। मंत्र सिद्धि के लिए सर्वश्रेष्ठ समय ग्रहण को माना गया है। यही नही बुरी आैर नकारात्मक शक्तियों को जाग्रत करने के लिए भी तांत्रिक इस दिन का चयन करते हैं।
Created On :   10 Feb 2018 11:56 AM IST