तीन कालों में होता है इस मंत्र का जाप, जानिए क्या हैं फायदे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गायत्री मंत्र इसे मन में शांति लाने का कारक कहा गया है। माना जाता है कि प्रतिदिन गायत्री मंत्र पढ़ने से मनुष्य मंे सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। जीवन के सभी कष्टों का अंत होता है और सुख समृद्धि आती है। गायत्री मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद में किया गया है। जिसमें इसकी महिमा का भी बखान मिलता है।
गायत्री मंत्र जाप के तीन काल अर्थात समय बताया गया है। प्रत्येक समय का अलग-अलग फल प्राप्त होता है। इसका जाप 108 बार करना उत्तम माना गया है। इस मंत्र में सवित्र देव की उपासना है इसलिए इसे सावित्री भी कहा जाता है। इसके जाप से जीवन प्रकाशमय हाेता है अाैर देवी प्रसन्न हाेकर उन्नित का वरदान देती हैं। हिंदू धर्म में इसे अतिपवित्र माना गया है। गायत्री मंत्र इस प्रकार है...
ॐ भूर्भुव स्वः।
तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
-सूर्योदय के कुछ पहले गायत्री मंत्र का जाप प्रारंभ कर इसे बाद तक करना चाहिए।
-इसके जाप का दूसरा काल दोपहर का बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि दूसरे काल में यह जाप करने से जीवन में प्रसन्नता का संचार होता है।
-इसके बाद गायत्री मंत्र के जाप का तीसरा काल सूर्यास्त के कुछ समय पूर्व से प्रारंभ कर सूर्यास्त के बाद तक करना चाहिए।
-यदि आप संध्याकल में गायत्री मंत्र का जाप कर रहे हैं तो इसे मौन रहकर ही करें। प्रतिदिन गायत्री मंत्र जाप करने से सद्मार्ग की ओर चलने का ज्ञान प्राप्त होता है। बुद्धि में तीव्रता का संचार होता है एवं जीवन में अनेक तरह के कष्टों का भी नाश होता है।
तो करें प्रातःकाल
यदि तीनो कालों में जाप करना संभव नही हो तो प्रातःकाल अवश्य ही गायत्री मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से बुद्धि में तीव्रता का संचार होता है और आलस्य भी दूर भागता है।
Created On :   1 Feb 2018 11:05 AM IST