600 साल बाद बद्रीनाथ को मिला नया छत्र, लुधियाना के परिवार को मिला सौभाग्य

After 600 Years Badrinath’s Parasol Replaced
600 साल बाद बद्रीनाथ को मिला नया छत्र, लुधियाना के परिवार को मिला सौभाग्य
600 साल बाद बद्रीनाथ को मिला नया छत्र, लुधियाना के परिवार को मिला सौभाग्य

डिजिटल डेस्क, देहरादून। 600 साल बाद भगवान बद्रीनाथ का छत्र बदला गया है। बुधवार को गढ़वाल हिमालय स्थित भगवान बदरीनाथ के श्री विग्रह के ऊपर 4 किलोग्राम सोना और रत्नों से जड़ित नया छत्र चढ़ाया गया। अपने दादा मुक्त महाराज की स्मृति में लुधियाना (पंजाब) के ज्ञानसेन सूद परिवार ने ये छत्र चढ़ाया है। बताया जाता है कि 600 साल पहले पूर्व ग्वालियर की महारानी ने स्वर्ण छत्र चढ़ाया था।

2017 में छत्र चढ़ाने का लिया था संकल्प
बद्रीविशाल में भगवान के श्री विग्रह पर चढ़ाए जाने वाला स्वर्ण छत्र बुधवार सुबह हेलिकाप्टर से बदरीनाथ पहुंचा। छत्र चढ़ाने वाले परिवार के 3 सौ से ज्यादा लोग श्री बद्री विशाल के इस स्वर्ण छत्र की पूजा और भगवान की अर्चना के साक्षी बनने के लिए पहुंचे थे। 2017 में इस परिवार ने भगवान बदरीविशाल के श्री विग्रह पर छत्र चढ़ाने का संकल्प लिया था। छत्र को सुबह करीब ग्यारह बजे चढ़ाया जाना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण यह कार्यक्रम शाम पांच बजे रखा गया। तय कार्यक्रम के अनुसार, छत्र डोली में सजाकर सिंह द्वार पर लाया गया। इसके बाद उसे बद्रीनाथ सभा मंडप में ले जाया गया। यहां धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और अन्य वेदपाठियों ने मंत्रोच्चारण के साथ संकल्प पूजा की। वेद मंत्रों की ध्वनि के साथ स्वर्ण छत्र भगवान बद्रीरीनाथ के श्रीविगृह के ऊपर प्रतिष्ठापित किया गया। 

 

 



600 साल पहले महारानी अहिल्याबाई ने चढ़ाया था छत्र
बता दें कि 1918 में पहली बार सूद परिवार के दादा गुरु महर्षि मुक्तजी ने बद्रीनाथ धाम की यात्रा की थी। उनकी यात्रा शताब्दी को लेकर ही सद्गुरु देव संत प्रतिमा महाराज के सानिध्य में महर्षि मुक्त बद्रीनाथ यात्रा शताब्दी मनाई जा रही है। इसी अवसर पर यह छत्र समर्पित किया गया। बताया जाता है कि 600 वर्ष पूर्व ग्वालियर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने भगवान बदरीनाथ को स्वर्ण छत्र चढ़ाया था। तब से यही स्वर्ण छत्र भगवान के श्रीविगृह के ऊपर लगा था। अब यह स्वर्ण छत्र बदरीनाथ की शोभा बढ़ाएगा। स्वर्ण छत्र को देखने के लिए बद्रीनाथ मंदिर परिसर में भारी संख्या में तीर्थयात्री उमड़े। तीर्थयात्रियों ने छत्र को छूकर आशीष मांगा। सूद परिवार के ज्ञानेश्वर सूद समेत उनके वृद्धजन पालकी में बैठकर बद्रीनाथ मंदिर के समीप पहुंचे। इस दौरान भक्तों के जय बदरीनाथ के जयकारों से धाम गूंज उठा। 

Created On :   9 May 2018 11:39 PM IST

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