इस दिन अवतरित हुआ था ज्योतिर्लिंग, शिवरात्रि के बारे में जानें ये राेचक तथ्य

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाशिवरात्रि भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है। यह भगवान शिव की प्रार्थना का विशेष दिन है। इस दिन को लेकर अनेक तरह की मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। जिनका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। यहां हम आपको ऐसी ही मान्यताओं और तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं...
1.ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव विशाल ज्वलंत लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। जिसे ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। यही वजह है कि महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा अर्चना को सर्वाधिक श्रेष्ठ माना गया है।
2. इस दिन के महत्वपूर्ण होने का एक कारण यह भी है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने अपना तांडव नृत्य जो कि सृष्टि की रचना, पोषण और संहार का द्योतक है को किया था। उनके एक अनोखे स्वरूप का साक्षात्कार सृष्टि ने इसी दिन किया था।
3. शिव को गंगाधर भी कहा जाता है अतः इस दिन भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करने का अत्यधिक महत्व है। भक्त पैदल यात्रा कर गंगाजल लाकर शिव का अभिषेक करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
4. इस दिन को भगवान शिव एवं माता पार्वती के विवाह के दिन के रूप में सर्वाधिक मान्यता प्राप्त है, जिसकी वजह शिव बारात भी इस दिन निकाली जाती है। अनेक स्थानों पर विवाह की पूर्ण परंपराएं भी निभायी जाती हैं।
5. महाशिवत्रि की पूजा व्रत प्रत्येक मनुष्य के लिए पुण्यफलांे को प्राप्त करने का कारक बताया गया है। इसलिए स्त्री-पुरुष सभी इसे विधि-विधान से धारण कर सकते हैं। पूरे दिन व्रत के उपरांत रात्रि जागरण कर शिव का पूजन भजन भी उत्तम बताया गया है।
6. इस वर्ष महाशिवरात्रि 14 फरवरी 2018 को मनाया जा रहा है। इस दिन माता पार्वती एवं भगवान शिव की एक साथ पूजा करने से उत्तम पुण्य फलों की प्राप्ति होगी।

Created On :   4 Feb 2018 3:57 PM IST