मां सरस्वती से पाएं विद्या का वरदान, करें इन 12 मंत्रों का जाप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बसंत पंचमी या श्री पंचमी को मां सरस्वती की पूजा का विधान है। कहा जाता है कि इस दिन माता को प्रसन्न विद्या का वरदान प्राप्त किया जा सकता है। देश के अलग-अलग स्थानों पर परंपरानुसार मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। मां सरस्वती यश, कीर्ति, बुद्धि, ज्ञान को प्रदान करने वाली देवी बतायी गई हैं। पुराणों में भी इसका उल्लेख मिलता है। जो भी व्यक्ति अपने ज्ञान को बढ़ाना चाहता है या कोई नवीन रचना करना चाहता है। उसे मां सरस्वती का वरदान प्राप्त करना आवश्यक है। उसके लिए वीणावादिनी का पूजन विशेष फलों को प्रदान करने वाला होता है।
कहा जाता है कि कालिदास, वरदराजजाचर्य, वोपदेव आदि को मां सरस्वती का वरदान प्राप्त था, जिसकी वजह से इन्होंने इतिहासप्रद ग्रंथों की रचना कर डाली। ज्ञान की देवी को संगीत की देवी भी कहा जाता है। किसी भी तरह के संगीत को सीखने से पहले इनकी आराधना आवश्यक है। ऐसा भी मान्यता है कि ब्रम्हदेव ने इनका संसार में संगीत एवं ज्ञान के प्रकाश के लिए मां सरस्वती अवतरित किया था
ऐसा है इनका स्वरूप
मां सरस्वती के हाथ में वीणा है वहीं दूसरे हाथ में ग्रंथ। वे पुष्प कमल पर विराजमान हैं और श्वेत वस्त्रधारी हैं। इन्हें शुक्लवर्ण, श्वेत वस्त्रधारिणी, वीणावादनतत्परा तथा श्वेतपद्मासना कहा गया है। इनका वाहन मयूर है।इनका स्वरूप बेहद सौम्य और मन को शांति प्रदान करने वाला बताया गया है। यहां हम आपको कुछ ऐसे 12 मंत्रों को बताने जा रहे हैं, जिनका जाप कर आप मां सरस्वती को प्रसन्न कर सकते हैं।
विशेष मंत्र
ॐ मां प्रणवनाद विकासिनी नम:
ॐ मां हंससुवाहिनी नम
ॐ शारदै दैव्यै चंद्रकांति नम:
ॐ जगती वीणावादिनी नम:
ॐ बुद्धिदात्री सुधामूर्ति नम:
ॐ वाग्देवी वागीश्वरी नम
ॐ कौमुदी ज्ञानदायनी नम:
ॐ मां भुवनेश्वरी सरस्वत्यै नम:
ॐ मां चन्द्रिका दैव्यै नम:
ॐ मां कमलहास विकासिनी नम:
ॐ ज्ञानप्रकाशिनि ब्रह्मचारिणी नम:
ॐ वरदायिनी मां भारती नम:
Created On :   28 Dec 2017 3:48 AM GMT