मां की आराधना से होगी सफलता के साथ सर्वसंपदा की प्राप्ति, इन मंत्रों का करें जाप

मां की आराधना से होगी सफलता के साथ सर्वसंपदा की प्राप्ति, इन मंत्रों का करें जाप
मां की आराधना से होगी सफलता के साथ सर्वसंपदा की प्राप्ति, इन मंत्रों का करें जाप
भैरवी जयंती 2022 मां की आराधना से होगी सफलता के साथ सर्वसंपदा की प्राप्ति, इन मंत्रों का करें जाप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को त्रिपुर भैरवी जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष यह 08 दिसंबर, गुरुवार को है। माता त्रिपुर भैरवी को मां काली का ही स्वरुप माना गया है। माना जाता है कि, इनकी पूजा से भक्ति का मार्ग प्रबल होता है और व्यक्ति को सफलता के साथ सर्वसंपदा भी प्राप्त होती है। ये शक्ति स्वरूपा हैं इनकी उपासना अहंकार का नाश होता है। इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से सभी कष्टों का नाश हो जाता है। 

कहा जाता है कि जब ये देवी अपने भक्त पर प्रसन्न हो जाती हैं तो स्वयं प्रकट होकर उन्हें साक्षात दर्शन देती हैं। माता त्रिपुर भैरवी की पूजा करने से योग्य पुत्र की प्राप्ति होती है और जीवन में सफलता मिलती है। इसके साथ ही सभी तरह की आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। 

ऐसा है स्वरूप

माता ने गले में मुण्ड माला धारण कर रखी है। उनके हाथ में विद्या तत्व है। वे रजोगुण व तमोगुण से परिपूर्ण हैं। इनके हाथ में एक माला भी है। इन्होंने लाल वस्त्र धारण कर रखा है। वे साधनामय स्वरूप में भक्तों को दर्शन देकर उन्हें अभय प्रदान करती हैं। उनका यह रूप अति सौम्य है।

माता के नाम

माता शक्ति के इस रूप के भी अनेक रूप हैं। उन्हें त्रिपुर भैरवी, चैतन्य भैरवी, सम्पदप्रद भैरवी, सिद्ध भैरवी, कमलेश्वरी भैरवी, रूद्र भैरवी, भद्रा भैरवी, षट्कूरा भैरवी के नाम से भी जाना जाता है। प्रत्येक स्वरूप अनन्य शक्तियों काे धारण करने वाला बताया गया है।

इस मंत्र का करें जाप

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः। हंसै हसकरी हसै।

इन मंत्रों का जाप करने से सभी प्रकार के कष्ट एवं संकटों का नाश होता है पूजन में इनका जाप इस दिन अवश्य ही करना चाहिए। माता की साधना करते समय मंत्र जाप से उन्हें जल्दी ही प्रसन्न किया जाता है। मां त्रिपुरा भैरवी मां शक्ति का ही अवतार बताई गई हैं। सुमेरू के उत्तर में माता की देह से क्रोध में एक बार षोडशी विग्रह प्रकट होता है और इस प्रकार उससे छाया-विग्रह श्त्रिपुर.भैरवीश् का प्राकट्य होता है। इनके पूजन में लाल रंग का उपयोग करना उत्तम है। 

Created On :   6 Dec 2022 10:50 PM IST

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