भीष्म अष्टमी 2018 : श्रेष्ठ और पुण्यदायी है ये तिथि, जानें मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। माघ माह व्रतों और अपने इष्ट को प्रसन्न करने का मास है। इस माह में किए गए व्रत पूजन जहां मोक्ष का द्वार खोलते हैं वहीं पुण्य-दान अन्य व्रत-त्योहारों में की गई उपासना की तुलना में कहीं अधिक फलदायी होते हैं। माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्यागे थे। उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था जिसकी वजह से शैया पर आने के बाद भी उन्होंने अपने प्राण नही त्यागे थे और माघ माह की अष्टमी के दिन का चयन इसके लिए किया। इसी वजह से इसे भीष्म अष्टमी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह 2018 में भीष्म अष्टमी 25 जनवरी को मनायी जाएगी।
भीष्म पितामह ने स्वयं चुना था यह दिन
पुराणों में बताया गया है कि जब भीष्म पितामह को तीर लगे वह समय मलमास का था। जिसे शुभ कार्यों के लिए उत्तम नही बताया जाता। इस माह में जो भी भी प्राण त्यागता है वह नरक का भागी होता है। इसका ज्ञान भीष्म पितामह को था। जिसकी वजह से जब सूर्यदेव उत्तरायण हुए तब उन्होंने अपनी मृत्यु के लिए माघ माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी को उर्पयुक्त माना।
गंगा पूजन, स्नान दान एवं पुण्य
उपासक इस दिन एकोदिष्ट श्राद्ध करने का नियम है। ये पिता के लिए की जाती है। हालांकि इसे लेकर अलग-अलग स्थानों पर मान्यताएं भी अलग-अलग हैं। कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान.दान व माधव अर्थात विष्णु पूजन से व्यक्ति के सभी पापों का अंत होता है। भीष्म पितामह गंगापुत्र कहे जाते हैं अतः गंगा पूजन और गंगा स्नान करना इस दिन सर्वाधिक उत्तम बताया गया है। भीष्म अष्टमी पर जल में खड़े होकर ही सूर्य को अघ्र्य देना चाहिए।
भीष्म अष्टमी शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारंभ- 24 जनवरी 2018, बुधवार 16:16 बजे से
अष्टमी तिथि समाप्त-25 जनवरी 2018, गुरूवार 15:13 तक
Created On :   3 Jan 2018 8:22 AM IST