हस्तरेखा शास्त्र : मस्तिष्क रेखा से जानिए कितने बुद्धिमान और समझदार हैं आप

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मस्तष्कि रेखा की स्थिति व्यक्ति की बुद्धिमत्ता, सीखने की प्रवृत्ति, विशिष्ट विधा की दिशा को दर्शाती है साथ ही व्यक्ति की, बुद्धि और मन के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका को व्यक्त करते हैं। इस रेखा का आरंभ तीन भिन्न स्थानों से हो सकता है। इसका आरंभ गुरु पर्वत के मध्य से, जीवन रेखा के प्रारंभ से या मंगल पर्वत से होता है। मस्तिष्क रेखा का निरुपण हाथ के आकार के अनुसार भिन्न भिन्न होता है।
मस्तिष्क रेखा मन की एकाग्रता के बारे में बताती है। यह स्मरण शक्ति, तर्क-वितर्क की योग्यता, मस्तिष्क को चौकन्नापन तथा विचार और रुझान की स्वतंत्रता की बताती है। मस्तिष्क रेखा जितनी गहरी होती है उतनी ही उपरोक्त विशेषताएं जातक में अधिक होती है। खराब बनावट की और टूटी-फूटी मस्तिष्क रेखा स्नायु और मस्तिष्क की क्षीणता के बारे में बताती है।
कहां होती है मस्तिष्क रेखा?
हथेली के एक छोर से दूसरे छोर की तरफ जाने वाली रेखा मस्तिष्क रेखा कहलाती है। मस्तिष्क रेखा के पास से ही जीवन रेखा का उदय होता है। मस्तिष्क रेखा से व्यक्ति की प्रतिभा, ऊर्जा, तर्कक्षमता आदि लक्षणों के बारें में जाना जा सकता है। यह जरूरी नहीं है कि मस्तिष्क रेखा हथेली के एक छोर से शुरु होकर दूसरे छोर तक ही जाएं। कई जातकों की हथेली पर यह रेखा मध्य या हथेली के बीच तक ही सीमित होती है। या कई बार यह भाग्य रेखा से कटने के बाद क्षीण होकर खत्म हो जाती है।
मस्तिष्क रेखा का फल
- साफ, गहरी और लंबी मस्तिष्क रेखा जातक के अति कुशल और बुद्धिमान होने की निशानी है।
- सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार अगर मस्तिष्क रेखा बेहद स्पष्ट, बिना किसी सहायक रेखा से कटी और सीधी खत्म होने वाली हो तो यह जीवन में उच्च शिक्षा प्राप्ति के योग बनाती है।
- हल्की और अंत में अंग्रेजी का "V" आकार बनाने वाली मस्तिष्क रेखा विचारों के भटकाव को दर्शाती है।
- अगर मस्तिष्क रेखा हाथ पर कहीं झुकी हुई है यानि ऊपर की बजाय नीचे की तरफ जाए तो यह पागलपन की निशानी होती है।
Created On :   11 May 2018 3:21 PM IST