चैत्र नवरात्रि : ऐसे करें महागौरी की पूजा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नवरात्र के नौ दिन शक्ति के नौ रूपों की उपासना की जाती है। रात्रि शब्द सिद्धि का प्रतीक है। उपासना और सिद्धियों के लिए दिन से अधिक रात्रियों को महत्त्व दिया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों का श्रद्धा पूर्वक पूजन किया जाता है। माता के इन नौ रूपों को नवदुर्गा कहा जाता है।
नवरात्र के आठवें दिन मां के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। महागौरी का स्वरूप शंख और चन्द्र के समान अत्यंत श्वेत है। महागौरी मां पार्वती का ही रूप हैं। यह भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं। इन्होंने कठोर तपस्या के बाद शिवजी को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था।
माता महागौरी माता पार्वती का ही एक रूप हैं। इन्होंने भगवान शिव को पति-रूप में प्राप्त करने के लिए बड़ी कठोर तपस्या की थी। इस कठोर तपस्या के कारण इनका शरीर एकदम काला पड़ गया था। इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर जब भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगाजी के पवित्र जल से मलकर धोया तब वह विद्युत प्रभा के समान अत्यंत कांतिमान-गौर हो उठा। तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा।
मां दुर्गा का आठवां रुप महागौरी व्यक्ति के भीतर पल रहे कुत्सित और मलिन विचारों को समाप्त कर प्रज्ञा और ज्ञान की ज्योति जलाता है। मां का ध्यान करने से व्यक्ति को आत्मिक ज्ञान की अनुभूति होती है उसके भीतर श्रद्धा विश्वास व निष्ठा की भावना बढ़ाती है। महागौरी की आराधना से भक्तों को जीवन के सही राह का ज्ञान होता है जिस पर चलकर वे अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।
महागौरी की पूजन विधि
- पीले वस्त्र धारण कर पूजा आरम्भ करें, मां के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें।
- पूजा में मां को श्वेत या पीले फूल अर्पित करें, उसके बाद इनके मंत्रों का जाप करें।
- अगर पूजा मध्य रात्रि में की जाए तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होंगे।
- मां की उपासना सफेद वस्त्र धारण कर करें, मां को सफेद फूल और सफेद मिठाई अर्पित करें।
- साथ में मां को इत्र भी अर्पित करें।
- पहले मां के मंत्र का जाप करें, फिर शुक्र के मूल मंत्र "ॐ शुं शुक्राय नमः" का जाप करें।
- मां को अर्पित किया हुआ इत्र अपने पास रख लें और उसका प्रयोग करते रहें।
- नौ कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन करवाएं।
Created On :   24 March 2018 6:53 PM IST