सर्वार्थ सिद्धि याेग में चैत्र नवरात्र, इस वर्ष के राजा होंगे सूर्य

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र के पहले दिन गुड़ी पड़वा और विक्रम नवसंवत्सर 2075 प्रारंभ होगा। इस बार नववर्ष का प्रारंभ रविवार के दिन होने की वजह से इस वर्ष के राजा सूर्य और शनि मंत्री होंगे। जिस दिन भी नूतन वर्ष प्रारंभ होता है उसी दिन के ग्रह स्वामी को वर्ष का स्वामी माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्र देवी शक्ति को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम मुहूर्त एवं अवसर होता है।
बन रहा है विशेष योग
हालांकि दोनों ग्रह विरोधी हैं, किंतु फिर भी इस वर्ष लाभ के आसार बने हुए हैं। हालांकि हानि की स्थितियां भी अनेक स्थानों पर निर्मित होंगी। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ 18 मार्च से सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा, जो कि 25 मार्च तक रहेगा। विशेषज्ञों के अनुसार शनि के मंत्रि होने की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का असर भी इस वर्ष दिखाई देगा।
एक दिन पहले शुरू होगी प्रतिपदा
इस वर्ष साल 2018 में प्रतिपदा तिथि एक दिन पहले ही अर्थात 17 मार्च को संध्याकाल में 7.41 बजे प्रारंभ हो जाएगी, किंतु इसे सूर्योदय काल से 18 मार्च को ही माना जाएगा। बीते कुछ वर्षों की भांति इस बार भी तिथि के फेर से अष्टमी और नवमीं तिथि एक ही दिन पड़ रही है। तिथियों की घटा बढ़ी कुछ वर्षों से नवरात्रि में प्रायः देखने मिल रही है। हालांकि इससे व्रत नियमों पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा।
नवरात्रि का प्रारंभ और
रामनवमीं दोनों ही रविवार के दिन पड़ रही है। जिससे इस वर्ष हर ओर सूर्य का प्रकाश दैदिप्यमान होगा। अनेक क्षेत्रों में इसका स्पष्ट प्रभाव भी समय-समय पर नजर आएगा। चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमीं अर्थात भगवान श्रीराम का जन्म होने की वजह से इस दिन की धूम सर्वाधिक देखने मिलती है। मां शक्ति के साथ ही भगवान श्रीराम की आराधना का दिन विशेष मुहूर्तों का निर्माण करता है।
Created On :   9 Feb 2018 1:09 PM IST