छठ पूजा में इसलिए है सूर्य को अर्घ्य का महत्व, पढ़ें ये विशेष मंत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छठ पूजा 2017 के तीसरे दिन आज गुरूवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सूर्य उपासना का हिंदू धर्म में महत्व है। वहीं इसके वैज्ञानिक महत्व को भी नकारा नहीं जा सकता। सूर्य को सबकुछ देखने वाला कहा गया है। पुराणों में वर्णित है कि उनकी नजरों से कुछ भी छिपा हुआ नही है। इस लोक से उस लोक तक वे सब देखते हैं। जिनका राशि स्वामी सूर्य है उन्हें विशेष रूप से सूर्य उपासना करना चाहिए। प्रतिदिन दिया अर्घ्य तेज की प्राप्ति कराता है।
सूर्यदेव सभी आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक विकारों का दूर करने वाले बताए गए हैं। जो भी व्यक्ति ब्रम्हमुहूर्त में उठकर सूर्य को अर्घ्य देता है उसे तीव्र और तीक्ष्ण बुद्धि का लाभ प्राप्त होता है। ऋग्वेद में भी इसका उल्लेख मिलता है। जितना महत्व उगते सूर्य का है उतना ही डूबते का भी है। छठ के तीसरे दिन डूबते सूर्य को ही अर्घ्य दिया जाता है। यहां हम आपको सूर्यदेव के कुछ मंत्र बताने जा रहे हैं जिनके जाप से आप शारीरिक व मानसिक सुखों की प्राप्ति कर सकते हैं...
ऊँ सूर्याय नम:
ऊँ आदित्याय नम:
शत्रु नाशाय ऊँ हृीं हृीं सूर्याय नमः
ऊँ हृां हृीं सः सूर्याय नमः - हृदय रोग, पीलिया, नेत्र रोगों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
रखें इस बात का स्मरण
स्मरण रहे कि सूर्यदेव को सदैव तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें लाल चंदन, कुमकुम व लाल रंग के फूल डालें और फिर अर्घ्य दें। इसके साथ मंत्रों का जाप करते जाएं। अर्घ्य के वक्त तांबे का बर्तन आपके सिर तक इतना ऊंचा होना चाहिए कि अर्घ्य के जल को आप अपने नेत्रों से देख पाएं। इस जल के बीच से ही आपको सूर्य की उगती या डूबती हुई किरणें दिखाई दें। इसे नेत्रों के लिए भी अत्यंत ही उर्पयुक्त बताया गया है।

Created On :   26 Oct 2017 8:49 AM IST