19 साल बाद एक दिन में 5 शुभ मुहूर्त, 'धनतेरस' पर बना विशेष याेग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिवाली के पहले धनतेरस का खास महत्व है। धनतेरस पर भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। इस दिन चांदी, बर्तन आदि खरीदने का बेहद शुभकारी माना गया है। इस दिन की खरीदारी चिरस्थायी रहती है। इस वर्ष यह 17 अक्टूबर को मनाई जा रही है। हर साल से अलग इस बार धनतेरस पर 19 साल बाद एक दिन में 5 शुभ मुहूर्त रहेंगे।
प्रदोष होना शुभ
इस बार धनतेरस सुबह से देर रात तक मंगलकारी और लाभदायक है। धनतेरस पर मंगलवार और प्रदोष का होना अति शुभ है। इस मुहूर्त में शुभ कार्य लेन-देन भी उत्तम माना गया है। चांदी का सिक्का, लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, ज्वेलरी व इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीददारी विशेष रूप से की जाती है।
धन तेरस पूजा मुहूर्त
प्रदोष काल
सूर्यास्त के बाद के 2 घण्टे 24 की अवधि को प्रदोषकाल के नाम से जाना जाता है प्रदोषकाल में दीपदान व लक्ष्मी पूजन करना शुभ रहता है 17 अक्टूबर सूर्यास्त समय सायं 17:45 तक रहेगा। इस समय अवधि में स्थिर लग्न 19:13 से लेकर 21:08 के मध्य वृषभ काल रहेगा।
चौघड़िया मुहूर्त
अमृत काल- 12:06 से 13:31 तक
शुभ काल - 14:56 से 16:21 तक
शुभ काल मुहूर्त की शुभता से धन स्वास्थय व आयु में शुभता आती है। इसी प्रकार अमृतकाल में पूजा का अत्यधिक महत्व है।
सायंकाल में शुभ महूर्त
प्रदोष काल का समय 17:45 से 20:18 तक, धनतेरस की पूजा के लिए उर्पयुक्त समय शाम 19:20 से 20:17 के मध्य तक रहेगा।
खास-खास
- चंद्रमा-मंगल की कन्या राशि में युति रहने पर लक्ष्मी योग निर्मित होगा।
- सूर्य और बुध के भी इसी राशि में रहने बुधादित्य योग रहेगा।
- रात में सूर्य के राशि परिवर्तन करने से तुला संक्रांति योग रहेगा।
- इस दिन सूर्योदय से सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
- शाम को प्रदोष रहेगा। शाम को पूजा करने से सभी दोष दूर होते हैं।


Created On :   13 Oct 2017 8:32 AM IST