क्या कहती हैं आपके हाथ की लकीरें

आपके हाथे में है आपका भविष्य
मनुष्य सदैव से ही अपने भविष्य को जानने का जिज्ञासु रहा है। इसके लिए विभिन्न पद्धतियां जैसे हस्त रेखा जिसे सामुद्रिक शास्त्र भी कहते हैं, मस्तिष्क रेखा, अंक शास्त्र, रमल विद्या, एस्ट्रोलॉजी, हस्ताक्षर विज्ञान, पैर की रेखाएं आदि कई विधियों के शास्त्र लिखे गए हैं। यदि हम हस्त रेखाओं में अपना भविष्य तलाशते हैं तो वह जानकारी भी हमको प्राप्त हो जाती है जो स्वयं को मालूम है और भविष्य में घटित होने वाली है।
- आइए जानते है क्या है रेखाओं का मायाजाल
- हमारे हाथ में ही होते हैं ग्रह
- विभिन्न ग्रहों की हाथ में उपस्थिति
गुरु पर्वत : तर्जनी उंगली के नीचे गुरु पर्वत होता है यदि यह उभरा हुआ हो तब जातक ज्ञानी और किसी भी रहस्य को आसानी से जान सकता है। तंत्र मन्त्र का ज्ञाता होता है।
शनि पर्वत : मध्यमा उंगली शनि उंगली कहलाती है यह पर्वत उभरा होने से व्यक्ति विपरीत परिस्तिथि में पैदा होता है गरीब घर में जन्म लेने के वाद भी वह समाज में अपनी भूमिका निभाता है। यह पर्वत दबा हुआ हो तो जातक धनवान घर में जन्म लेकर भी गरीब हो जाता है।
सूर्य पर्वत : अनामिका उंगली के नीचे का पर्वत उभरा होने से व्यक्ति राज्य सुख, मंत्री अधिकारी पद को प्राप्त करता है। यदि यह दवा हुआ हो तो वह जातक पद प्राप्त करने के वाद रिश्वतखोरी या गलत तरीके से धन कमाने के चक्कर में जेल चला जाता है।
बुध पर्वत : कनिष्का सबसे छोटी उंगली के नीचे का पर्वत व्यक्ति को सफल व्यवसायी बताती है इस पर्वत के नीचे वैवाहिक संबंध, संतान, धन और बुद्धि को ज्ञात किया जाता है।बुध पर्वत का उन्नत होना पूर्व जन्म के संस्कारों पर निर्भर करता है।
शुक्र पर्वत : अंगूठे के नीचे शुक्र पर्वत होता है जो आपके जीवन के वैभव को दर्शाता है। इस पर्वत के उन्नत होने से प्रेम संबंधो की प्रगाढ़ता प्रेम विवाह और वैवाहिक जीवन में सुख की कमी कभी नहीं रहती। जबकि इसके दबे होने से और कई रेखाओं के इस पर्वत पर होने से जातक प्रेम संबधो के माध्यम बदनाम होकर अपना वैभव समाप्त कर लेता है।
मंगल पर्वत : यह अंगूठा और तर्जनी के बीच का क्षेत्र होता है इसके उभरे हुए होने से व्यक्ति ज़मीदार कई भूमि भवन और वाहनों का मालिक होता है। इसके विपरीत मंगल कमज़ोर होने से व्यक्ति बार बार दुर्घटनाओं का शिकार बन जाता है।
चन्द्र पर्वत : यह पर्वत बुध पर्वत के नीचे हथेली के बाएं कोने पर होता है यह मनुष्य की इच्छा शक्ति को दर्शाता है, एवं समुद्री यात्रा का अध्ययन इसी पर्वत से होता है चन्द्र पर्वत कमज़ोर होने से मनुष्य तनाव का शिकार हो जाता है अस्थमा की शिकायत भी हो जाती है।
हथेली में रेखाओं का महत्व
हथेली में मुख्य रूप से तीन रेखाएं दिखाई देती हैं। इनका ही पूरे जीवन चक्र पर असर पड़ता है।
ह्रदय रेखा : इस रेखा के साफ़ और स्पष्ट होने से स्वास्थ्य ठीक रहता है वह जातक मन से स्पष्ट विचारों वाला होता है। इस रेखा पर जंजीर नुमा होना उसके ह्रदय के संबंध में ठीक नहीं होता।
मस्तिष्क रेखा : इस रेखा के उन्नत होने से व्यक्ति योग्य होता है उसकी याददास्त अच्छी होती है यही रेखा ठीक न हो कटी हुई होतो जातक को मस्तिष्क से सम्वन्धी रोग होते है। मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा लगभग एक ही स्थान से शुरू होती हैं।
जीवन रेखा : जो रेखा अंगूठे के नीचे शुक्र पर्वत को घेरे रहती है वही जीवन रेखा कहलाती है। इस रेखा से जातक की उम्र का पता चलता है। जीवन रेखा जितनी साफ़ हो उम्र उतनी अच्छी होती है यह रेखा मणिबंध से प्रारंभ होकर शनि या गुरु पर्वत तक जाती है। इस रेखा की स्थिति देखकर जातक के पद प्रतिष्ठा और आने वाली सफलता की जानकारी मिल सकती है।
हाथ में चिन्हों का महत्त्व
मनुष्य के हाथ में दीपक, मछली, त्रिशूल, स्वस्तिक, षटकोंण, गदा धनुष, वीणा और त्रिकोण शुभ चिन्ह मने गए है। क्रास या शुभ चिन्हों का कटना, छोटे छोटे गोले बनना, हाथ का खुश्क होना, दुर्भाग्य का सूचक माना जाता है।
हथेली में देवताओं का वास, एक मंत्र से दूर होगी परेशानी
हथेली में सभी देवी देवताओं का वास होता है। आपके हाथ में कोई भी परेशानी अनुभव हो तो चिंता नहीं करें, अग्रलिखित मन्त्र का जाप करें आपका भाग्य बहुत जल्दी ही शुभ होने लगता है। खासतौर पर सुबह उठते ही सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों को देखते हुए इस मंत्र का जाप करने से पूरा दिन ठीक होता है। इस मंत्र का जाप करते हुए ही हथेलियों को रगडकर अपनी आंखों से लगाना चाहिए। इसके बाद धरती को हाथ से छूकर प्रणाम करना चाहिए।
कराग्रे बसते लक्ष्मी कर मध्ये सरस्वती |
कर मुले तु गोविन्दा, प्रभाते कर दर्शनम् ||
Created On :   16 Sept 2017 8:46 PM IST