सभी पापों से मुक्त कर मोक्ष के द्वार खोलती है पापमोचनी एकादशी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। इस वर्ष पापमोचनी एकादशी 13 मार्च (मंगलवार) को है। इस एकादशी पर व्रत रखकर सभी पापों से मुक्ति पायी जा सकती है। इस व्रत का वर्णन भविष्य पुराण में भी मिलता है। पापमोचनी एकादशी अन्य एकादशी की तुलना में अत्यंत महत्व और विशेष फलदायी मानी जाती है। इस व्रत को करने से मानुष विष्णु पद प्राप्त करता है और व्रत साधक के लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। इस व्रत में भगवान् विष्णु के चतुर्भुजी रूप की पूजा की जाती है। जिस प्रकार भगवान विष्णु और भगवान् शिव एक दुसरे के अराध्य हैं, ठीक उसी प्रकार कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों में पड़ने वाले एकादशी का समान महत्व होता है।
पापमोचनी एकादशी पर कैसे करें पूजन
1-एकादशी की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प करें। संकल्प करते समय घी का एक दीपक पूर्व दिशा में मुख कर के अवश्य जलाएं।
2-संकल्प करने के बाद भगवान् विष्णु के चतुर्भुजी रूप की पूजा करें। जितना अधिक संभव हो "ओम नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जप करें।
3-पूजा के बाद भगवान के सामने बैठकर भगवद् कथा का पाठ करें या किसी योग्य ब्राह्मण से करवाएं।
4-एकादशी की तिथि पर जागरण करने से प्राप्त होने वाले पुण्य में कई गुना वृद्धि होती है।
5-यदि आप जागरण कर रहे हैं तो रात के समय निराहार रह कर भजन कीर्तन करते हुए जागरण करें।
6-द्वादशी की तिथि को प्रातः स्नान कर के भगवान् विष्णु की पूजा करें और फिर ब्राम्हणों को भोजन करवाकर दक्षिणा देकर विदा करें।
7-ब्राम्हणों के भोजन करने के बाद स्वयं भोजन करें। पर ध्यान रखें भोजन सात्विक होना अति अवशयक है।
इस प्रकार पूजन करने से भगवान् विष्णु पापमोचनी एकदशी पर व्रत रखने से अति प्रसन्न होते हैं और व्रत साधक के सभी पापों का नाश करते हैं।
Created On :   11 March 2018 10:33 PM IST