गुप्त नवरात्रि पर कैसे करें तंत्र साधना और नवदुर्गा की पूजा ?

Gupt Navratri from 5th February, How to worship of Navadurga ?
गुप्त नवरात्रि पर कैसे करें तंत्र साधना और नवदुर्गा की पूजा ?
गुप्त नवरात्रि पर कैसे करें तंत्र साधना और नवदुर्गा की पूजा ?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र के वक्त शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा की आराधना जोर-शोर से की जाती है। हालांकि चैत्र नवरात्र में भी देवी की आराधना बड़े पैमाने पर होती है। क्या आपको पता है कि साल भर में शारदीय और चैत्र नवरात्र के अलावा दो और नवरात्र सहित कुल चार नवरात्र होते हैं। अगर नहीं पता है तो हम आपको बताते हैं। इन दोनों के अलावा दो गुप्त नवरात्र होते हैं। पहले इसके बारे में कम ही लोगों को पता था, लेकिन अब लोग इसके बारे में भी जानने लगे हैं। हालांकि इन दोनों गुप्त नवरात्रों में भी मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना के साथ ही दस महाविद्या की पूजा की जाती है। खास तौर पर गुप्त नवरात्र में तंत्र साधना की जाती है। 

गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और माघ माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। तंत्र पूजा के लिए गुप्त नवरात्रि को बहुत खास माना जाता है। वर्ष 2019 में गुप्त नवरात्र माघ माह के शुक्ल पक्ष में 5 फरवरी से शुरू हो गई है, जिसका समापन 14 फरवरी को होगा। 

10 महाविद्या की होती है पूजा
गुप्त नवरात्रि की पूजा के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की बजाय दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ये दस महाविद्याएं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं। 

पहले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद नौ दिनों तक व्रत का संकल्प लेते हुए कलश की स्थापना करनी चाहिए।
घर के मंदिर में अखंड ज्योति जलाएं।
सुबह-शाम मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करें।
अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत का उद्यापन करें।
नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशति का पाठ करें। समय की कमी हो तो सप्त श्लोकी दुर्गा पाठ करना चाहिए। 
तंत्र साधना करने वाले साधक गुप्त नवरात्र में माता के नौ रूपों की बजाए दस महाविद्याओं की साधना करते हैं।

कैसे करें कलश स्थापना ? 
घर के मंदिर में घी का दीपक जलाने के बाद शुद्ध मिट्टी रखें। मिट्टी में जौं डालें और पवित्र जल का छिड़काव करें।
मिट्टी के ऊपर पीतल, तांबे या मिट्टी के कलश में जल भरकर रखें। 
कलश में सिक्के डालें और उसके चारों ओर मौली बांधें। पुष्प माला चढ़ाएं।
कलश को ढक कर आम के पांच पत्ते रखें।
लाल कपड़े में नारियरल लपेटकर कलश के ऊपर रख दें। 
इसके बाद कलश पर सुपारी, साबुत चावल छिडकें और मां दुर्गा का ध्यान करें।

माघी गुप्त नवरात्रि तिथि 2019 

नवरात्रि का पहला दिन
तिथि – प्रतिपदा
5 फरवरी 2019, मंगलवार
घटस्थापना, कलश स्थापना, शैलपुत्री पूजा

नवरात्रि का दूसरा दिन
तिथि – द्वितीया
6 फरवरी 2019, बुधवार
ब्रह्मचारिणी पूजा

नवरात्रि का तीसरा दिन – तिथि वही रहेगी
तिथि – द्वितीया
7 फरवरी 2019, गुरुवार
ब्रह्मचारिणी पूजा

नवरात्रि का चौथा दिन
तिथि – तृतीया
8 फरवरी 2019, शुक्रवार
चंद्रघंटा पूजा

नवरात्रि का पांचवा दिन
तिथि – चतुर्थी
9 फरवरी 2019, शनिवार
कुष्मांडा पूजा

नवरात्रि का छठा दिन
तिथि – पंचमी
10 फरवरी 2019, रविवार
स्कंदमाता पूजा

नवरात्रि का सातवां दिन
तिथि – षष्ठी
11 फरवरी 2019, सोमवार
कात्यायनी पूजा

नवरात्रि का आठवां दिन
तिथि – सप्तमी
12 फरवरी 2019, मंगलवार
कालरात्रि पूजा

नवरात्रि का नौवां दिन
तिथि – अष्टमी
13 फरवरी 2019, बुधवार
महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी, महाष्टमी पूजा, संधि पूजा

नवरात्रि का दसवां दिन
तिथि – नवमी
14 फरवरी 2019, गुरुवार
सिद्धिदात्री पूजा, नवरात्रि पारण, नवरात्री हवन

Created On :   4 Feb 2019 12:24 PM GMT

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