हिंगलाज जयंती 2018 : यहां शक्ति पूजा से पूर्ण होती है मनोकामना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंगलाज माता, माता शक्ति का ही स्वरूप। हर साल हिंगलाज जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। हिंगलाज माता का मंदिर पाकिस्तान के बलुचिस्तान में स्थित है। जयंती के दौरान बड़ी संख्या में भक्त माता के दर्शनों के लिए जाते हैं। इन्हें हिंगुला माता भी कहा जाता है। इस वर्ष यह 15 मार्च 2018 को मनाई जाएगी।
51 शक्तिपीठों में से एक
यह स्थान माता शक्ति के 51 शक्तिपीठों में से एक है। जब दक्ष द्वारा अपमानित होने के बाद सती ने क्रोध और दुख से पीड़ित होकर स्वयं को भस्मीभूत कर लिया था तब शिव उनका शरीर लेकर तीनों लोकों में घूम रहे थे। सृष्टि का दृश्य बदल गया था। शिव सती के जाने के संताप से अत्यंत ही पीड़ित थे। तब भगवान विष्णु के चक्र ने सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया था। जितने भी स्थानों पर ये हिस्से आकर धरती पर गिरे वहां शक्तिपीठ हैं।
चैत्र माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी
कहा जाता है कि सुदर्शन चक्र से खंडित होने के बाद हिंगलाज शक्तिपीठ में माता सती का सिर आकर गिरा था। इसी वजह से भी इस स्थान का नाम हिंगलाज माता पड़ा। चैत्र माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को माता के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त एकत्रित होते हैं। माता हिंगलाज पर्वत पर बनी गुफा में भक्तों को दर्शन देती हैं।
मेले के समान नजर आता है दृश्य
हिंगलाज माता के दर्शनों के लिए पहुंचना कठिन कार्य माना जाता है, किंतु फिर भी इंडिया से शक्ति पूजा के लिए बड़ी संख्या में हर साल यहां भक्त पहुंचते हैं। हिंगलाज जयंती के अवसर पर दृश्य मेले के समान होता है। यहां माता शक्ति का अत्यंत ही भव्य एवं अलौकिन स्वरूप विराजमान है। कहा जाता है कि हिंगलाज जयंती पर देवी शक्ति की विधि-विधान से पूजा आराधना करने पर वे मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद देती हैं।
Created On :   1 Feb 2018 1:42 PM IST