कैसे मिलेगी टेंशन, डिप्रेशन और फ्रस्ट्रेशन से मुक्ति
डिजिटल डेस्क। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर दूसरा व्यक्ति तनासे ग्रसित है। टेंशन, डिप्रेशन और फ्रस्ट्रेशन का शिकार सभी हैं, फिर चाहे वो बड़े-बुजुर्ग हों या फिर बच्चे हर व्यक्ति इसी समस्या से जूझ रहा है। और इस समस्या के निराकरण के लिए भी दर-दर भटकता है। फिर भी इस समस्या से निजात पाना बेहद मुश्किल है। आज के इस एपिसोड में हम इसी बारे में आपको बताने जा रहे हैं।
टेंशन, डिप्रशेन, फ्रस्ट्रेशन और लो फीलिंग क्या है इन सबके पीछे वजह ?
क्यों हो जाता है हर दूसरा व्यक्ति इस समस्या का शिकार ?
कैसे पाएं इस समस्या से निदान ?
इस समस्या के पीछे एक साइंटिफिक रीजन है। आशा के कारण निराशा हाथ लगती है, संसार के कारण नहीं। संसार को क्या लेना देना है। यदि हम किसी से आशा बांधेंगे तो निराशा तो हाथ लगना ही है। संसार को दोष देने से क्या होगा, इसके लिए खुद ही जिम्मेदार हैं। परिस्थितियां हमारे हाथ में नहीं होती। मात्र 10% स्थिति हमारे हाथ में होती है और 100% मनः स्थिति हमारे हाथ में होती है।
संसार एक पर्दा है और मन एक प्रोजेक्टर है। मन में ही सारे खेल हैं। हम जो भी सोचते हैं उसका इफेक्ट हमारे ऊपर आने लगता है। दिनभर हम जो भी शरीर में मूवमेंट करते हैं, उन मूवमेंट्स से इलेक्ट्रो शरीर में मैग्नेटिक चार्जेस उत्पन्न होते हैं और इन्हें डिस्चार्ज करना बेहद जरूरी है क्योंकि टेंशन, डिप्रशेन, फ्रस्ट्रेशन का कारण ये ही है। जब ये डिस्चार्ज होता है तो बहुत रिलीफ मिलता है।
भगवान के मंदिर हमेशा ईस्ट फेसिंग होते हैं। जब हम माथा टेकते हैं तो वेस्ट फेसिंग करते हैं। क्योंकि वेस्ट में गोल्डन रेशियो पृथ्वी का है,और गोल्डन रेशियो को जब हम फेस करते हुए माथा टेकते हैं तो जो हमारी बॉडी है वो पृथ्वी के गोल्डन रेशियो से सिंक्रॉनाइज हो जाती है। माथा टेकते ही हमारे ब्रेन से मैग्नेटिक इलेक्ट्रो चार्जर डिस्चार्ज हो जाता है। फ्रंटललोब में जितने भी नेगेटिव चार्जेस होते हैं वो निकल जाते हैं। ये बहुत पावरफुल चीज है। इसे करना बेहद लाभदायक है। इसके लिए डॉक्टर एंड्रीयू ने रिसर्च की है। उन्होंने कहा कि इससे दिमाग के कई हिस्सों में फायदा पहुंचता है और जो उम्र के साथ हमारा दिमाग कमजोर होता है वो भी कम होने लगता है। जिससे ब्रेन काफी उम्र तक हमारा साथ देता है।
Created On :   30 April 2018 5:35 PM IST