मांगलिक दोष से पीड़ित पति-पत्नी करें यह एक उपाय, दाम्पत्य में जीवन भर जाएंगी खुशियां

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू परिवारों में ज्योतिष शास्त्र की महत्ता को समझते हुए विवाह से पहले वर-वधु की कुंडली अवश्य ही मिलाई जाती है। दोनों की कुंडली के कितने गुण मिलते हैं, दोनों में क्या गुण-अवगुण है, किन ग्रहों का कैसा प्रभाव है और सबसे महत्वपूर्ण कि दोनों में से कोई मांगलिक दोष से पीड़ित तो नहीं है ?
मंगल ग्रह
विवाह के लिए कुंडली देखते समय मांगलिक दोष का होना या ना होना, इस बात पर बहुत ध्यान दिया जाता है। यह एक ऐसा दोष है जो कुंडली के मंगल ग्रह से जुड़ा होता है। यदि वर या वधु की कुंडली में मंगल 1, 4, 6, 8 या 12वें भाव में है तो यह मांगलिक दोष बनाता है। वहीं सामान्य रूप से कुंडली में मांगलिक दोष का होना अशुभ ही माना जाता है, लेकिन कुछ विषय में इसे अनदेखा भी किया जाता है। यह मात्र तभी होता है जब कुंडली का कोई दूसरा ग्रह या फिर जिससे शादी होने वाली है उसकी कुंडली के ग्रह इस मांगलिक दोष का काट कर रहे हों।
शांत या भंग
यह भी सत्य है कि हर मांगलिक दोष उतना पीड़ित नहीं होता जितना उसे समझा जाता है। कुछ कुंडलियों के मांगलिक दोष छोटी-सी पूजा या उपाय से भी हल हो जाते हैं। ऐसा ही एक उपाय हम आपको यहां बताने जा रहे हैं। हम मांगलिक दोष को शांत या भंग करने का यह उपाय जो यहां बताने जा रहे हैं यह उनके लिए है जिन लोगों की शादी हो चुकी हैं किंतु कुंडली में मांगलिक दोष होने की बात उन्हें शादी के बाद से मालूम हुई है।
सही आंकलन
ऐसा कई बार हो जाता है, किसी ज्योतिष द्वारा कुंडली का सही आंकलन ना कर पाना या शादी से पहले कुंडली ही ना मिलाने वाले लोग इस समस्या का शिकार हो जाते हैं। आगे बताए जा रहे उपाय को पति या पत्नी दोनों में से कोई भी यदि करेगा तो वैवाहिक जीवन पर अपना बुरा साया बनाने वाला मांगलिक दोष शांत हो जाएगा।
उपाय के अनुसार अगर पत्नी उपाय करने जा रही है तो वह किसी भी मंगलवार के दिन पूर्ण विधि-विधान के साथ ‘मंगला-गौरी’ पूजा करे। ऐसा करने से मांगलिक दोष जल्दी से जल्दी शांत हो जाता है।
पति के लिए उपाय :–
मांगलिक व्यक्ति को उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में पूर्ण विधि-विधान से ‘भात पूजन’ करवाना चाहिए। इस पूजा में यदि उसकी पत्नी भी भागीदारी करे तो उत्तम रहेगा।
Created On :   13 Dec 2018 5:10 PM IST